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छात्रों के लिए योजना: ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सिखाओ, अंक पाओ

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नोटबंदी को देखते हुए वित्तीय साक्षरता अभियान शुरू किया। 

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rohit panwar

Dec 03, 2016

Online banking students

Online banking students

नई दिल्ली. देश की 80 फीसदी आबादी नगदी से लेनदेन करती है। अधिकतर को ऑनलाइन बैंकिंग की समझ नहीं है। ऐसे में आईआईटी समेत कॉलेजों के छात्र लोगों को डिजिटल ट्रांजेक्शन के बारे में बताएंगे। इस काम के बदले में छात्रों को अपने कॉलेज व शैक्षणिक संस्थान से अंक मिलेंगे।

केंद्र सरकार ने इस बाबत वित्तीय साक्षरता अभियान की शुरुआत की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नोटबंदी को देखते हुए इस अभियान को लॉन्च किया है। मंत्रालय ने तमाम उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों को ट्रेनिंग के बदले अंक दें। ये अंक परियोजना कार्य से लेकर आंतरिक परीक्षाओं में दिए जा सकते हैं। हालांकि अंक देने का पैमाना क्या होगा, इस संबंध में मंत्रालय ने कुछ नहीं कहा है। आईआईटी दिल्ली के एक वरिष्ठ शिक्षक का कहना है कि हर संस्थान की अकादमिक परिषद होती है। इन्हीं परिषदों को अंकों के पैमाने तय करने का अधिकार है।

वेब पोर्टल से सुझाव मांगे

मंत्रालय ने इस काम के लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कार्यक्रम की लॉन्चिंग में कहा कि सभी छात्रों को देशहित में आगे आकर लोगों को डिजिटल ट्रांजेक्शन के बारे में सिखाना चाहिए। ऐेसे छात्र इस पोर्टल पर पंजीकरण कर सुझाव भी दे सकते हैं। जो छात्र लोगों को ट्रेनिंग देंगे, वो अपने अनुभव भी इस पर बता सकते हैं। यही नहीं, मंत्री ने तमाम स्कूलों और कॉलेजों से अपील की है कि वे कैश में फीस व जुर्माना आदि न लें।

शिक्षाविदों की अलग राय

इस योजना में शिक्षाविद् बंट गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी के प्रोफेसर अपूर्वा आनंद इसे शिक्षण संस्थानों में सरकारी दखल मानते हैं। वो कहते हैं कि सरकार शिक्षण संस्थानों को अपने फैसले का जबरन पालन नहीं करा सकती। निर्देश नहीं दे सकती। केवल अनुरोध कर सकती है। उधर, पश्चिम बंगाल की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जुर्डिशियल साइंस के कुलपति एनआर माधव मेनन कहते हैं कि सरकार को देशहित में शिक्षण संस्थानों का सहयोग लेने का पूरा हक है। बता दें कि मंत्रालय ने कॉलेजों को कहा है कि वे बैंक से संपर्क कर टे्रनिंग प्रोग्राम शुरू करें।