Coronavirus के बाद दिल्ली में सामने आई नई परेशानी, अधिकारी जुटे संभालने में
दिल्ली में मानसून के साथ ही डेंगू ( dengue in delhi )-मलेरिया और चिकनगुनिया के 73 मामले हुए दर्ज।
सर्वाधिक मामले मलेरिया ( malaria positive patients ) के और सबसे कम चिकनगुनिया ( Chikangunya in delhi ) के।
नगर निगम ( Municipal Corporation of Delhi ) के अधिकारी उपायों को लेकर आश्वस्त, कहा पिछले साल से कम केस।
नई दिल्ली। जब एक ओर राजधानी दिल्ली कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus In Delhi ) से थोड़ा उबरने लगी हुई नजर आ रही है, तो एक दूसरी परेशानी यहां पर सामने आ गई है। मानसून के साथ ही राजधानी में वेक्टर जनित बीमारियों के केस बढ़ने लगे हैं। दिल्ली के तीन नगर निगम ( Municipal Corporation of Delhi ) के ताजा आंकड़ों को देखें तो राजधानी में अब तक डेंगू ( dengue in delhi ), मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के 73 मामले सामने आ चुके हैं।
हालांकि, वेक्टर जनित बीमारियों के इन आंकड़ों को लेकर राजधानी के अधिकारी काफी आशावादी नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष की तुलना करें तो यह आंकड़े 30 करीब फीसदी तक कम हैं। वर्ष 2019 की बात करें तो शहर में जुलाई के अंतिम सप्ताह तक डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के 107 मामले दर्ज किए जा चुके थे।
इस संबंध में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की अतिरिक्त नगर आयुक्त ईरा सिंघल ने कहा कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार कर रखी गई है।
Corovairus Vaccine आने से पहले काफी काम की जरूरत ईरा सिंघल ने आगे बताया कि दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी वेक्टर जनित बीमारियों ( vector born deases ) के प्रकोप को रोकने के लिए कई उपाय अपना रहे हैं। इन बीमारियों का फैलाव रोकने के लिए घरों में मच्छरों के प्रजनन की जांच की जा रही है। इसके साथ ही फॉगिंग, एंटी-लार्वा स्प्रे आदि काम भी किए जा रहे हैं। वहीं, लोगों को इन बीमारियों के बारे में जागरूक करने और बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
सिंघल ने आगे कहा कि इन सभी उपायों को अपनाने के साथ ही नगर निगर निरीक्षण अभियान भी चला रहा है। जिन व्यक्तियों के यहां मच्छरों के प्रजनन स्थल पाए जाते हैं, उन व्यक्तियों या प्रतिष्ठानों को दंडित कर जुर्माना भी लगाया जा रहा रहा है।
नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक विभिन्न निगमों ने अब तक इन मामलों को लेकर 11,942 कानूनी नोटिस थमाए हैं। जबकि उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ 106 मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए निगम के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने व्यापारियों के संघों और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के साथ मिलकर खुली नालियों को भी ढंका था। हालांकि कई आरडब्ल्यूए ऐसी भी हैं जो एमसीडी अधिकारियों के दावों का खंडन कर रही हैं।
Coronavirus Survivors: भारत में 100+ उम्र का हौसला दमदार, मुख्तार-मनगम्मा और हल्लम्मा का कमाल पूर्वी दिल्ली स्थित आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष वोहरा की मानें तो जमीनी स्तर पर काम बहुत कम ही हुआ है। पूर्वी दिल्ली के तमाम इलाकों में अभी भी कई नालियां ठीक नहीं हैं। कुछ ही मिनट की बारिश के बाद गंदगी जमा होने के कारण कॉलोनियों में पानी भर जा रहा है। अगर इस समस्या को दूर नहीं किया गया तो डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से लड़ने की सारी कोशिशें बेकार हो जाएंगी।
इस बारे में दिल्ली मेडिकल काउंसिल के सदस्य डॉ. पंकज सोलंकी का कहना है कि अगर कोरोना वायरस और डेंगू-मलेरिया-चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां मिल गईं तो हालात बहुत खराब हो सकते हैं। पहले से ही कोरोना वायरस के मरीजों में ब्लड प्लेटलेट्स की गिरावट उनके लिए घातक साबित हो सकती है।