नई दिल्ली: अरविंद पानगढिया भारतीय मूल के अमरीकी अर्थशास्त्री हैं और दुनिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं। पानगढ़िया ने स्नातक की पढ़ाई राजस्थान विश्वविद्यालय से की। पानगढ़िया इशियन डेवलपमेंट बैंक के चीफ अर्थशास्त्री भी रहे हैं। पानगढ़िया को
नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों का समर्थक माना जाता है। अरविंद पनगढ़िया
नरेंद्र मोदी और उनके गुजरात मॉडल के बड़े समर्थक रहे हैं। प्रो जगदीश भगवती और अरविंद पनगढ़िया ने नोबेल पुरस्कार अर्थशास्त्री प्रोफेसर अमर्त्य सेन को खुली चुनौती दी थी।
पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों के समर्थक रहे
दरअसल अमर्त्य सेन ने
नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल की आलोचना की थी और उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध किया था। इस दौरान दोनों बड़े अर्थशास्त्री मोदी के बचाव में आगे आए थे। अरविंद पानगढ़िया पिछले साल 5 जनवरी को नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष बनाए गए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय क्षितिज पर उभरने के पहले से ही पनगढ़िया गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी की आर्थिक नीतियों का समर्थन करते रहे थे।
राजस्थान की
वसुंधरा राजे सरकार में सलाहकार के तौर पर अपनी सेवा दे चुके पनगढ़िया को राज्य में श्रम सुधारों का बड़ा समर्थक माना जाता है। 30 सितम्बर 1952 में अरविंद पनगढ़िया का जन्म
जयपुर में हुआ। उनके पिता का नाम बालू पनगढ़िया और माता का नाम मोहन कुमारी है। अशोक पनगढ़िया उनके भाई हैं। वैश्य समाज से आने वाले पानगढ़िया बचपन से ही पढ़ने और लिखने के शौकीन हैं। 63 साल के अरविंद की हालिया किताब इंडिया: द इमर्जिंग जाइंट साल 2008 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने प्रकाशित की थी।
10 से ज्यादा लिख चुके हैं किताब
अरविंद पानगढ़िया ने 10 से ज्यादा किताबें भी लिखीं हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में सेंट्रल फॉर इंटरनेश्नल इकॉनोमिक्स के प्रोफेसर और सह-निदेशक रहे हैं पनगढ़िया वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन और यूनाइटेड नेशन कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट में अपनी सेवा दे चुके हैं। उन्होंने ‘इकानॉमिक टाइम्स’ में मासिक कॉलम लिखे। वे फाइनेंशियल टाइम्स, वॉल स्ट्रीट जनरल, हिंदू, इंडिया टुडे और आउटलुक में अतिथि कॉलम लिखते रहे। यही नहीं, वे बतौर अर्थशास्त्री देश और विदेश के टीवी चैनलों पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हैं।
पद्मभूषण से सम्मानित हैं पनगढ़िया
पनगढ़िया को 2012 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में पद्मभूषण से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। दरअसल नीति आयोग का गठन मोदी सरकार ने योजना आयोग की जगह पर किया था। अरविंद पनगढ़िया का नाम आरबीआई गवर्नर बनने के दौरान भी काफी उछला था।
बयान पर मचा था बवाल
हालांकि 2012 में अरविंद पनगढ़िया के उस बयान का विरोध हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय बच्चे कुपोषण के कारण कम वजन के नहीं होते बल्कि अनुवांशिक वजहों से कुपोषित होते हैं। जिसके लेकर जमकर विवाद हुआ था।
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