scriptअब खुद मुख्य न्यायधीश करेंगे जस्टिस लोया मामले में लगी याचिका की सुनवाई | Now Chief Judge will hear the plea of Justice Loya case | Patrika News
विविध भारत

अब खुद मुख्य न्यायधीश करेंगे जस्टिस लोया मामले में लगी याचिका की सुनवाई

मीडिया के बीच चार जजों ने जस्टिस लोया मामले को जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच में लगाने का विरोध किया था।

नई दिल्लीJan 20, 2018 / 06:36 pm

Mazkoor

DIPAK MISHRA

नई दिल्ली : चार जजों की ओर से रोस्टर प्रक्रिया पर सवाल उठाए जाने के बाद सोहराबुद्दीन ट्रायल के जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की जनहित याचिका की सुनवाई अब खुद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच करेगी। बेंच में उनके साथ जस्टिस एएम खानविलकर भी होंगे। शुक्रवार को मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि मामले की सुनवाई 22 जनवरी को रोस्टर के मुताबिक उचित बेंच करेगी। इससे पहले 16 जनवरी को जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस मोहन एम शांतनागौदर की बेंच ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए कहा था कि इसे उचित बेंच के सामने लगाया जाए। माना जा रहा है कि उन्होंने ऐसा चार जजों की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद ऐसा किया है। इस केस में दो जनहित याचिका दायर कर जस्टिस लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी। यह जनहित याचिका कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के एक पत्रकार बंधुराज संभाजी लोने ने सुप्रीम कोर्ट में दायर कर रखी है।

संवेदनशील केस जूनियर को देने का लगा था आरोप
जज लोया मामले के कारण सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ मीडिया में जाकर उन पर संवेदनशील केसों को जूनियर जजों को देने का आरोप लगाया था। जज लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में हुई। उस वक्त वे सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। वर्तमान भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का इस केस में नाम था। इन्हें उसी साल दिसंबर के आखिर में अदालत ने बरी कर दिया।

जज लोया की मौत पर उठते रहे हैं सवाल
जज लोया की मौत पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गई है। दरअसल 2005 में सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात पुलिस ने हैदराबाद से अगवा किया। आरोप लगाया गया कि दोनों को फर्जी मुठभेड़ में मार डाला गया। शेख के साथी तुलसीराम प्रजापति को भी 2006 में गुजरात पुलिस द्वारा मार डाला गया। उसे सोहराबुद्दीन मुठभेड़ का गवाह माना जा रहा था। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल को महाराष्ट्र में ट्रांसफर कर दिया और 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रजापति और शेख के केस को एक साथ जोड़ दिया। शुरुआत में जज जेटी उत्पत केस की सुनवाई कर रहे थे, लेकिन आरोपी अमित शाह के पेश न होने पर नाराजगी जाहिर करने के बाद अचानक उनका तबादला हो गया था। फिर केस की सुनवाई जज बीएच लोया ने की। दिसंबर 2014 में नागपुर में उनकी मौत हो गई।

Home / Miscellenous India / अब खुद मुख्य न्यायधीश करेंगे जस्टिस लोया मामले में लगी याचिका की सुनवाई

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो