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अमरीका और खाड़ी देशों के बाद यूरोपीय देशों की मदद को तैयार भारत, भेजेगा पैरासिटामोल की सामग्री

Highlight
– भारत ( India ) ने यूरोप ( Europe ) को 1000 टन पैरासिटामोल ( Paracetamol ) का कच्चा माल भेजने का फैसला किया है
– इससे पहले भारत ( India ) ने अमरीका ( America ) और खाड़ी देशों की मदद की है

May 06, 2020 / 07:42 pm

Kapil Tiwari

narendra modi

नई दिल्ली। अभी तक अमरीका ( America ) और खाड़ी देशों की मदद कर चुका भारत ( India ) अब यूरोप की भी मदद करने जा रहा है। दरअसल, भारत ने यूरोप को 1000 टन पेनकिलर पैरासिटामोल ( paracetamol ) बनाने में काम आने वाली सामग्री ( API ) को भेजने को मंजूरी दी है। इसको भेजने के लिए भारत सरकार ने कोरोना से लड़ाई के दौरान तय किए गए निर्यात मानकों में ढील दी है।

अमरीका और खाड़ी देशों की मदद कर चुका है भारत

आपको बता दें कि इससे पहले भारत ने अमरीका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ( hydroxychloroquine ) और खाड़ी देशों को डॉक्टरों और नर्सों की टीम भेजने की सहमति दी थी। अब भारत सरकार ( Indian Govt ) ने यूरोपियन यूनियन के दबाव में ये फैसला लिया है।

पिछले 10 दिन से भारत सरकार पर पड़ रहा था दबाव

इस बारे में देश के फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रोमोशन कॉउंसिल के चीफ दिनेश दुआ ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूरोप में हर महीने 800 पैरासिटामोल API की जरूरत पड़ती है। इसको पूरी करने के लिए उन्होंने भारत से मांग की है। दुआ के मुताबिक, इन दवा सामाग्री को भेजने के लिए बीते 10 दिन से यूरोपियन यूनियन ने भारत पर दबाव बनाया है। इसके बाद भारत को फैसला लेना पड़ा।

भारत में नहीं होगी पैरासिटामोल की कमी?

हालांकि, दुआ ने यह भी कहा कि यह एक्सपोर्ट देश के हालात को ध्यान में रखकर मंजूर किया गया है। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रशासन ने दवा बनाने वाली कंपनियों से कहा कि वो इस बात को सुनिश्चित करें कि आगामी 4 महीने तक घरेलू जरूरतों के लिए यह सामग्री उपलब्ध हो। आपको बता दें कि भारत दुनियाभर में पैरासिटामोल का सबसे मुख्य सप्लायर है।

पैरासिटामोल का सबसे बड़ा सप्लायर भारत

भारत ने अब तक पैरासिटामोल के 1.9 मिलियन टैबलेट और अन्य रूपों को 31 देशों में निर्यात किया है। इस बारे में विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने जानकारी दी थी। यह भी बताया गया था कि एन्टी मलेरियल दवाई हैड्रॉक्सिक्लोरोक्विन और पैरासिटामोल करीब 84 देशों को कमर्शियल बेसिस पर भेजा जा रहा था। यूरोप भारत का सबसे बड़ा खरीददार है, जो हर साल भारत से 12,000 टन पैरासिटामोल API लेता है।

यूरोपियन यूनियन ने नहीं दिया जवाब

वहीं, भारत में मौजूद यूरोपियन यूनियन के डेलिगेशन से जब इस निर्यात के बारे में जानकारी के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने मेल का अबतक जवाब नहीं दिया है।

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