बृहस्पतिवार को कश्मीर से दिल्ली लौटने से पूर्व आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में सेना, सीआरपीएफ, पुलिस समेत अन्य एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान डोभाल ने निर्देश दिए कि प्रदेश में आतंक के सफाए के लिए एंटी-टेररिस्ट ऑपरेशंस को तेज किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि यह कार्रवाई ऐसे होनी चाहिए ताकि आम लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे।
अल-कायदा और आईएस आतंकियों की बड़ी साजिश, भारत में रहने वाले यहूदी-इजराइली निशाने पर एनएसए की इस हाई लेवल मीटिंग को काफी अहम माना जा रहा है। डोभाल ने इस दौरान अधिकारियों से कहा कि अब घाटी को ऐसा राज्य बनाना है, जिसमें लोगों के भीतर आतंकवादियों का कोई खौफ न हो। सुरक्षा एजेंसियां ऐसे कार्रवाई करें कि आम लोगों की दिनचर्या आम दिनों की ही तरह चले और उनके दिलों से खौफ बाहर निकल जाए।
वायुसेना को मिले Spice-2000 बम, बालाकोट एयरस्ट्राइक में किया था इस्तेमाल उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि आतंक विरोधी कार्रवाई के दौरान आम लोगों पर कोई प्रभाव न पड़े और न ही जान-माल का नुकसान हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि घाटी में अमन-चैन का माहौल बन जाए।
गौरतलब है कि खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जिन हमलों की साजिश बना रहा है उसमें 30 भारतीय शहरों के अलावा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और एनएसए को निशाना बनाए जाने की सूचना है।
सूत्रों के मुताबिक एनएसए ने सुरक्षाबलों द्वारा फिलहाल वहां संभाली जा रही स्थिति पर संतोष जताया। साथ ही सुरक्षाबलों की ओर से आम आदमी की सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास सुनिश्चित करने पर भी संतुष्टि जताई।
बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के बाद हिंसा की किसी भी बड़ी घटना की आशंका को देखते हुए डोभाल यहां से जुड़े हुए हैं। उनको राज्य प्रशासन नियमित रूप से सुरक्षा, कानून एवं व्यवस्था, नागरिक आपूर्ति आदि के बारे अपडेट दे रहा है।