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पद्मावती विवाद: संसदीय समिति ने 15 दिन में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मांगा जवाब

राजस्थान से भाजपा के सांसद ओम बिड़ला और सीपी जोशी ने इस संबंध में समिति को याचिका दी थी।

Nov 22, 2017 / 10:42 am

ashutosh tiwari

Padmavati breaks into talkies on trailer run in barwani

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नई दिल्ली. पद्मावती विवाद पर संसद सदस्यों के ऐतराज के बाद संसद की स्थायी समिति ने केंद्र सरकार से इस मामले में 15 दिन में अपना रुख बताने को कहा है। समिति ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जवाब तलब किया है। राजस्थान से भाजपा के सांसद ओम बिड़ला और सीपी जोशी ने इस संबंध में समिति को याचिका दी थी। हालांकि औपचारिक तौर पर अभी समिति ने इस मामले को अपने हाथ में नहीं लिया है।
लोकसभा की याचिका समिति के अध्यक्ष भगत सिंह कोश्यारी ने ‘पत्रिका’ को बताया कि समिति ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय को इस संबंध में अपना रुख साफ करने को कहा है। औपचारिक तौर पर समिति ने यह मामला अपने हाथ में नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि आधिकारिक याचिका लोकसभा में प्रस्तुत करनी होती है। यह एक रिप्रजेंटेशन है। लेकिन समिति रिप्रजेंटेशन पर भी काम करती है।
अपनी तरह का पहला मामला
अगर समिति आधिकारिक तौर पर इस मामले की सुनवाई करती है तो फिल्म निर्माता, निर्देशक सहित सभी संबंधित पक्षों को हाजिर होने को कह सकती है। ऐसा होता है तो यह पहला मौका होगा जब किसी व्यावसायिक फिल्म की रिलीज से पहले संसदीय समिति ने इस पर संज्ञान लिया हो।
मामले में याचिका समिति के अध्यक्ष भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि हमने सरकार से पूछा है। हमारे पास रिप्रजेंटेशन आया था। इसलिए हमने जवाब मांगे हैं। जवाब आएगा उसके बाद आगे की कार्रवाई तय करेंगे। वहीं शिकायतकर्ता और याचिका समिति के सदस्य ओम बिड़ला ने कहा कि सरकार से जवाब ले कर समिति अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। साथ ही संबंधित पक्षों को बुला कर इस पर सुनवाई भी कर सकती है।
एकजुट हुए राजघराने के राजनेता
पद्मावती फिल्म के विरोध में सभी राजनीतिक दलों में शामिल राजघरानों की मौजूदा पीढिय़ां एकजुट हैं। इसमें पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, कांग्रेसी सांसद और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष संजय सिंह, महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल से लेकर वीरभद्र सिंह तक शामिल हैं।
महाराष्ट्र भी विरोध में, अमू पर केस
मप्र, राजस्थान, पंजाब, यूपी के बाद महाराष्ट्र भी पदï्मावती की रिलीज के पक्ष में नहीं है। महाराष्ट्र के एक मंत्री ने कहा है कि अगर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ सामने आती है, तो इसे रिलीज नहीं किया जाएगा। उधर, हरियाणा में भाजपा नेता कुंवर सूरजपाल अमू पर मामला दर्ज किया गया है। अमू ने भंसाली-दीपिका के सिर काटने पर ईनाम घोषित किया था।

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