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Rajnikanth पर तमिल राजनीति में आने का दबाव, प्रशंसकों का दावा – यही है चुनाव लड़ने का सही समय

चेन्नई से लेकर छोटे-छोटे शहरों व गांवों के प्रशंसक रजनीकांत से सक्रिय राजनीति में आने की अपेक्षा रखते हैं।
तमिलनाडु में मई 2021 में विधानसभा चुनाव होगा। इसलिए प्रशंसक रजनीकांत से राजनीति में आने की अपील कर रहे हैं।
एमजीआर, जयललिता और करुणानिधि के अभाव में तमिलनाडु का सियासी मैदान खाली है।

Sep 12, 2020 / 02:23 pm

Dhirendra

चेन्नई से लेकर छोटे—छोटे शहरों व गांवों के प्रशंसक रजनीकांत से सक्रिय राजनीति में आने की अपेक्षा रखते हैं।

नई दिल्ली। दक्षिण भारत के सुपरस्टार और महानायक रजनीकांत ( Rajinkanth ) पर सक्रिय राजनीति में आने और विधानसभा चुनाव लड़ने का भारी दबाव है। चेन्नई सहित तमिलनाडु के शहरों और कस्बों में उनके प्रशंसकों ने जगह-जगह ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ का पोस्टर लगाकर दावा किया है कि उनके राजनीति में आने का सही समय यही है। इसलिए उन्हें सक्रिय राजनीति में आ जाना चाहिए।
अगर हमारे सुपरस्टार ने इस मौके का लाभ उठा लिया तो वे एमजीआर, करुणानिधि और जयललिता की तरह प्रदेश की राजनीति में हमेशा के लिए छा जाएंगे।

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सियासी मैदान खाली

खास बात यह है कि तीनों हस्तियां दक्षिण भारत की फिल्मों से जुड़ी रहीं है। तीनों का निधन होने के बाद से तमिलनाडु का सियासी मैदान नए नेतृत्व की तलाश में है। तमिलनाडु की राजनीति में एमजीआर लौह पुरुष के रूप में तो जयललिता एक अभिनेत्री के रूप में सबसे लोकप्रिय रहीं। करुणानिधि ने पटकथा लेखक और कथाकार के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई।
सही समय पर एंट्री की बात

जहां तक रजनीकांत की बात है तो उन्होंने 1975 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। देखते ही देखते कुछ ही सालों में वे सुपरस्टार बन गए। लोकप्रियता के मामले में वह सभी को पीछे छोड़ चुके हैं।
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इस मामले में बड़ी बात यह है कि विधानसभा चुनाव में रजनीकांत ने जिस पार्टी का समर्थन किया वह पार्टी सत्ता में आई। लेकिन वह सक्रिय राजनीति से हमेशा दूर रहे। अब रजनीकांत पर राजनीति में आने का प्रशंसकों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन रजनीकांत सही समय पर सामने आने की बात कर मामले को लगातार टाल रहे हैं।
राजनीति में आने का दबाव

दरअसल, 2016 में एआईएडीएमके की पूर्व प्रमुख जयललिता और 2018 में डीएमके के प्रमुख करुणानिधि के निधन के बाद लोगों को अपने प्रदेश के लिए एक सशक्त नेतृत्व की तलाश है। इसलिए प्रशंसकों ने रजनीकांत से राजनीति में आने की लगातार अपील कर रहे हैं। हालांकि उनकी चुप्पी से हमेशा चाहने वालों को अभी तक निराशा हाथ लगी हैं।
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2 माह हो सकते हैं सक्रिय

बताया जा रहा है कि सुपरस्टार और तमिलनाडु के लोगों के इन सब के बीच रजनीकांत अपने राजनीतिक पत्ते खोलने के लिये तैयार नहीं हैं। इसके बावजूद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वह नवंबर में सक्रिय राजनीति में कदम रख सकते हैं।
बता दें कि मई, 2021 में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव के लिए नौ महीने से भी कम समय बचा है। कई सालों बाद यह पहला चुनाव है जब तमिलनाडु की राजनीति के तीन बड़े धुरंधर एमजी रामचंद्रन, एमकरुणानिधि और जे जयललिता सियासी मैदान में नहीं होंगी।

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