दरअसल गुजरात के मंदिरों में दर्शन के लिए आने वालों श्रद्धालुओं को ‘साष्टांग प्रणाम’ की अनुमति नहीं है। श्रद्धालु को हाथ जोड़कर केवल ‘नमस्ते’ करने की इजाजत दी गई है।
जनरल रावत पूर्वी लद्दाख के कई दुर्गम इलाकों में पहुंचे, सैनिकों का हौसला बढ़ाया अधिकारियों के अनुसार इसके अलावा राज्य सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया के तहत मंदिर में चढ़ाने के लिए प्रसाद लाने की भी इजाजत नहीं दी गई है। राज्य में लॉकडाउन लागू होने के 75 दिनों के बाद बीते साल जून माह में मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों को फिर से खोल दिया गया था।
भक्तों को चीजें छूने की इजाजत नहीं सोमनाथ मंदिर के प्रबंधक का कहना है कि सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार साष्टांग प्रणाम की अनुमति नहीं होगी। मानक संचालन प्रक्रिया के तहत भक्तों को किसी भी वस्तु को छूने की अनुमति नहीं दी गई है। लोगों को सिर्फ दर्शन के लिए मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति होगी। इसके साथ पांच से अधिक भक्तों को बैठकर पूजा करने पर रोक है। यज्ञ में भी तीन से अधिक लोगों की माजूदगी नहीं होगी। सभी को सोशिल डिस्टेंसिग का पालन करने के साथ मास्क लगाना अनिवार्य होगा।