रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को केरल के कोल्लम में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन आध्यात्मिक नेता माता अमृतानंदमयी के जन्मदिन पर और सीआरपीएफ कर्मियों के परिजनों को सहयोग देने के लिए किया गया था। इस वर्ष फरवरी में जम्मू के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे।
जनरल बिपिन रावत बने सीओएससी अध्यक्ष, वायुसेना प्रमुख धनोआ ने सौंपी छड़ी राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “हम इससे इनकार नहीं कर सकते कि पड़ोसी देश के आतंकवादी हमारी तटरेखा पर घटना को अंजाम दे सकते हैं। भारत की तटरेखा कच्छ से केरल तक फैली हुई है। लेकिन मैं हर किसी को भरोसा दिलाना चाहूंगा कि हमारी समुद्री सुरक्षा पूरी तरह से मजबूत है। हम तटवर्ती सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”
विक्रम लैंडर मसले की होगी जांच, राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठनः के सिवन इस दौरान पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि जिस वक्त यह घटना घटी, वह गृृह मंत्री थे और पूरा देश इस हमले को नहीं भूल सकता है। पुलवामा हमले के कुछ दिन बाद हमारी वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। वैसे तो हम किसी को मजबूर नहीं करते, लेकिन अगर कोई हमें मजबूर करता हैं तो हम उसे चैन से नहीं रहने देंगे।
गौरतलब है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह व भारतीय सेना के सदर्न कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सतिंदर सैनी पहले ही सर क्रीक के जरिए देश में आतंकवादी घुसपैठ की आशंका जाहिर कर चुके हैं।