पिछले कुछ समय से भाजपा के पूर्व नेता जेठमलानी मोदी सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर घेरते आ रहे हैं। उन्होंने काला धन वापसी पर सरकार प्रयासों को लेकर भी सवाल खड़े किए थे। वहीं वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर कई पूर्व सैनिक धरने पर बैठे हुए हैं। वन रैंक वन पेंशन का लाभ 22 लाख पूर्व सैनिकों और छह लाख वीरांगनाओं को मिलेगा। वर्तमान में पूर्व सैनिकों को पे कमीशन की सिफारिशों के आधार पर पेंशन मिलती है।
क्या है पूर्व सैनिकों की मांग
पूर्व सैनिकों की मांग है कि एक रैंक पर रिटायर हुए सैनिकों की पेंशन एक समान होनी चाहिए। सैनिक एक पोस्ट और एक ही वक्त तक सर्विस के बाद रिटायर होते हैं, लेकिन उनकी रिटायरमेंट में कुछ सालों का फर्क होता है और इसी दौरान सेना में नया पे कमीशन लागू हो जाता है। इसके कारण बाद में रिटायर होने वाले सैनिक को नए पे कमिशन के हिसाब से पेंशन मिलती है, जबकि पहले रिटायर हुए सैनिक पुराने पे कमिशन के हिसाब से पेंशन मिलती है।
क्या है पूर्व सैनिकों की मांग
पूर्व सैनिकों की मांग है कि एक रैंक पर रिटायर हुए सैनिकों की पेंशन एक समान होनी चाहिए। सैनिक एक पोस्ट और एक ही वक्त तक सर्विस के बाद रिटायर होते हैं, लेकिन उनकी रिटायरमेंट में कुछ सालों का फर्क होता है और इसी दौरान सेना में नया पे कमीशन लागू हो जाता है। इसके कारण बाद में रिटायर होने वाले सैनिक को नए पे कमिशन के हिसाब से पेंशन मिलती है, जबकि पहले रिटायर हुए सैनिक पुराने पे कमिशन के हिसाब से पेंशन मिलती है।