इसके साथ ही सरकार ने ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत सरन और उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति सुनिश्चित कर दी। इससे पहले जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पांच वरिष्ठतम जजों ने जनवरी में अपनी सहमति जताई थी, लेकिन इसके बाद न्यायपालिका और सरकार के बीच खींचतान शुरू हो गई थी।
जम्मू-कश्मीरः औरंगजेब के 50 दोस्त लेंगे उसकी शहादत का बदला, नौकरी छोड़ विलायत से लौटे घाटी अगर बात करें इंदिरा बनर्जी की तो वो सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने वाली आठवीं महिला जज हैं। लेकिन 1989 में पहली महिला जज को नियुक्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के लिए यह एक नया रिकॉर्ड है। यह पहला मौका होगा जब सुप्रीम कोर्ट में एक साथ तीन महिला जज होंगी। फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय में जस्टिस आर भानुमती और जस्टिस इंदू मल्होत्रा कार्यरत हैं।
जस्टिस इंदू मल्होत्रा की ही तरह जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने भी 1980 दशक के मध्य में अपनी वकालत शुरू की थी। कोलकाता प्रेसिडेंसी कॉलेज की पूर्व छात्रा इंदिरा बनर्जी को 2002 में हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था और फिर पिछले साल उन्हें मद्रास हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बना दिया गया। पिछले पखवाड़े में ही सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट की अब तक रहीं महिला जज इंदिरा बनर्जी की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के साथ ही अब इस अदालत में महिला जजों की संख्या आठ पहुंच गई है। आठवीं महिला जज के रूप में इंदिरा बनर्जी के आने से पहले जस्टिस फातिमा बीवी, सुजाता वी मनोहर, रूमा पॉ़ल, ज्ञान सुधा मिश्रा, रंजना प्रकाश देसाई, आर भानुमती और इंदू मल्होत्रा यहां पर रही हैं।
वॉट्सऐप को दूसरा नोटिसः क्या किसी मैसेज को सोशल मीडिया पर वायरल होने से रोका जा सकता है एक साथ अधिकतम दो महिला जज ही रही हैं इंदिरा बनर्जी के सुप्रीम कोर्ट में आने के साथ ही आर भानुमती और इंदू मल्होत्रा को मिलाकर पहली बार इस अदालत में एक साथ तीन महिला जज काम करेंगी। लेकिन इससे पहले केवल तीन ही ऐसे मौके आए हैं जब सर्वोच्च न्यायालय में एक साथ दो महिला जजों ने काम किया हो। इनमें जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा-रंजना देसाई, जस्टिस देसाई-भानुमती और भानुमती-इंदू मल्होत्रा ने एक ही कार्यकाल में काम किया है।