आपको बता दें कि 3 मार्च 2002 में गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार का शिकार हुईं थीं। बिलकिस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर और मुआवजे की मांग की थी। साथ ही कहा था कि जिन चार पुलिसवालों व दो डॉक्टरों को हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया था उन्हें सरकार ने वापस काम पर रख लिया है। इसी संबंध में कोर्ट ने गुजरात सरकार से जवाब मांगने के साथ ही बिलकिस को कहा है कि वह मुआवजे के लिए अलग से याचिका दाखिल करे। वहीं गुजरात सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिसवालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बिलकिस बना को कहा है कि और मुआवजा प्राप्त करने के लिए वो अलग से याचिका दाखिल करें। आपको बता दें कि कुछ वक्त पहले कोर्ट ने जांच में गड़बड़ी और सबूत छिपाने के दोषी करार पुलिस अफसर RS भगोरा, चार अन्य पुलिस अफसर व दो डाक्टरों की याचिका खारिज कर दी थी। दोनों डाक्टरों को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने डाक्टर होने के बावजूद पुलिस के कहने पर रिपोर्ट लिखी, ये आपने अपने पेशे के साथ सही नहीं किया।