नई दिल्ली। केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं पर ये बैन कैसे लगाया जा सकता है, जबकि महिला और पुरुष के बीच ऐसा कोई भेदभाव वेद, उपनिषद या किसी शास्त्र में नहीं है। वहीं इस मामले में संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगा। मामले की सुनवाई सात नवंबर को होगी।
इसे चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की। तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि मंदिर पूजा का सार्वजनिक स्थल है। यहां महिलाओं को प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता। मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मंदिर बोर्ड और सरकार से पूछा है कि सबरीमाला मे महिलाओं का प्रवेश कब बंद हुआ। इसके पीछे क्या इतिहास है। कोर्ट इस मामले में ये देखना चाहता है कि समानता के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के होते हुए यह रोक कहां तक उचित है। कोर्ट दोनों अधिकारों के बीच संतुलन बनाना चाहता है।
सुप्रीम कोर्ट ने जवाब के लिए 6 हफ्ते का वक्त दिया था और वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन और के रामामूर्ति को कोर्ट का सहायक नियुक्त किया था। हालांकि मंदिर बोर्ड ने कहा था कि ये प्रथा एक हजार साल से चल रही है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले को क्यों उठा रहा है, सिर्फ सबरीमाला ही नहीं बल्कि पूरे सबरीमाला पर्वत पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।
Home / Miscellenous India / सबरीमला मंदिर मामले को संविधान पीठ में भेजने पर SC करेगा फैसला