अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 225 कंपनियों की मांग
राज्य पुलिस के मुताबिक ये पैसे यात्रा के दौरान पूरे मार्ग की सुरक्षा में खर्च किए जाएंगे। इनमें तीर्थ यात्रियों की सैटेलाइट की मदद से निगरानी, जैमर लगाने, सीसीटीवी कैमरे और बुलेटप्रूफ बंकर, डॉग स्क्वायड आदि शामिल हैं। इस संबंध में एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इस बार जो कड़ी सुरक्षा लागू की जा रही है, उसमें अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस दोनों की भागीदारी होगी। पूरे मार्ग को कवर करने के लिए लिहाज से पुलिस ने अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 225 कंपनियों की मांग रखी है।
सुरक्षा का घेरा कई चरण मजबूत
कुलमिलाकर इस वर्ष की पूरी यात्रा के दौरान लगभग 40 हजार जवान तैनात किए जाने की योजना है। एक अधिकारी के मुताबिक यात्रा में किसी तरह की रुकावट या अप्रिय घटना न हो इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को कई चरण और मजबूत किया है। यही नहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने पिछले सप्ताह के जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना किया था।
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घाटी में करीब 200 आतंकवादी सक्रिय
गौरतलब है कि कश्मीर के कई सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा है कि घाटी में करीब 200 आतंकवादी सक्रिय हैं। लगातार हो रहे हमलों के पीछे इन्हीं का हाथ हो सकता है। राजनाथ सिंह की यात्रा के समय आतंकियों ने पेट्रोलिंग कर रही टीम पर हमला किया था, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था।