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11 साल बाद शहाबुद्दीन रिहा, नीतीश पर तंज, लालू हमारे नेता

राजद नेता व बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन जेल से रिहा, 1300 गाड़ियों के काफिले के साथ सीवान पहुंचा, शहाबुद्दीन को बुधवार को मिली थी जमानत

Sep 10, 2016 / 11:31 am

Rakesh Mishra

Shahabuddin

Shahabuddin

भागलपुर। बिहार के बाहुबली व आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन आज शनिवार को जेल से रिहा हो गया। सीवान के चर्चित तेजाब कांड में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद शनिवार सुबह वह जेल से रिहा हुए। शहाबुद्दीन को कुछ दिनों पहले पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के आरोपों में घिरने के बाद सीवान से भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया था। बताया जा रहा है कि जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन 1300 गाड़ियों के काफिले के साथ सीवान पहुंचे। उसकी रिहाई को लेकर भाजपा ने आपत्ति जताई है। भाजपा का कहना है कि जंगल राज के प्रतीक रहे शहाबुद्दीन के बाहर आने की खबर से लोग सहमे हुए हैं।

बाहर निकलते ही कहा लालू मेरे नेता, नीतीश पर साधा निशाना
भागलपुर जेल से बाहर आते ही मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा कि लाल यादव मेरे नेता हैं और नीतीश कुमार परिस्थितिजन्य मुख्यमंत्री हैं। भाजपा ने शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने का विरोध किया है। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के हालात पहले से ही बदहाल हैं। अपराध बेलगाम हैं। अब शहाबुद्दीन के बाहर आने से हालात और बिगड़ सकते हैं।



शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने की खबर मिलते ही सिवान प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है। जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। राज्य में पहले ही कानून व्यवस्था बदहाल है और वहां गुंडाराज फैला है। अब शहाबुद्दीन के रिहा होने से राज्य में अपराध बढ़ेंगे।

तेजाब से नहलाकर की चश्मदीद की हत्या

शहाबुद्दीन दो भाइयों की तेजाब से नहलाकर हत्या करने और बाद में हत्याकांड के इकलौते गवाह उनके तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या के मामले में भागलपुर जेल में बंद था। दोहरे हत्याकांड में उसे हाईकोर्ट से फरवरी में ही जमानत मिल चुकी थी। बुधवार को चश्मदीद की गवाह की हत्या के मामले में भी अदालत ने उसकी जमानत मंजूर कर ली। इसके बाद आज सवेरे उसकी रिहाई हुई।

ऐसे बना बाहुबली

शहाबुद्दीन के अपराध की कहानी 15 मार्च 2001 को लालू की पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार करने आए पुलिस ऑफिसर संजीव कुमार को थप्पड़ मारने से शुरू हुई थी। इस घटना के बाद शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच काफी लंबी झड़प हुई। थप्पड़ मारने वाले शहाबुद्दीन के घर पुलिस ने छापेमारी की। इस दौरान शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच गई घंटों तक गोलीबारी हुई। इस घटना में 10 लोग मारे गए और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। तभी से वह एक बाहुबली के रूप में पहचाना जाने लगा।

पत्नी बोली 2003 से ही कर रही हूं इंतजार

मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने बताया था कि मैं 2003 से ही उनका इंतजार कर रही हूं। 13 साल से ज्यादा हो गए। ऊपर वाले के घर में देर है, अंधेर नहीं। ऊपर वाले पर भरोसा किए बैठे थे कि न्याय होगा ही। सच्चाई एक न एक दिन सामने आ ही जाती है। आखिरकार उन्हें जमानत मिली, इस बात की खुशी है।


बता दें कि पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जे एन शर्मा की पीठ ने राजीव रोशन हत्या मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता शहाबुद्दीन को जमानत दे दी थी। शहाबुद्दीन के अधिवक्ता वाई वी गिरी ने अदालत को बताया कि जब राजीव की हत्या की गई थी, तब राजद नेता जेल में बंद थे। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में राजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक राजीव रौशन के पिता चन्द्रकेश्वर प्रसाद के बयान पर पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के साथ उनके पुत्र ओसामा के विरुद्घ नगर थाना में प्राथमिकी (कांड संख्या 220/14) दर्ज कराई गई थी।

उल्लेखनीय है कि 16 अगस्त, 2004 को सीवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण किया गया था। गिरीश और सतीश की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी, जबकि राजीव उनके चंगुल से भाग निकलने में कामयाब रहा था। इस मामले में गिरीश की मां कलावती देवी के बयान पर सीवान के मुफस्सिल थाने में मामला दर्ज किया गया था। हत्याकांड के गवाह और मृतकों के भाई राजीव ने अदालत को बताया था कि वारदात के समय पूर्व सांसद शहाबुद्दीन खुद वहां उपस्थित थे।

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