स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि- ‘कश्मीर की आतंकवादी गतिविधियों से देश में युद्ध जैसा वातावरण बन गया है। शहीद सैनिकों के परिवार अत्यंत व्यथित हैं। देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले सैनिकों को हम श्रद्धांजलि देते हैं और उनके परिजनों की भावनाओं के साथ खड़े हैं। यह समय एकजुट होकर आतंकवादियों और उनके पीछे खड़े लोगों के विरुद्ध अपनी दृढ़ता का परिचय देने का है।’
स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि- ‘अयोध्या यात्रा और शिलान्यास के कार्यक्रम से इस समय पूरे देश का ध्यान भटक सकता है। हम नहीं चाहेंगे कि हमारा कोई भी कार्यक्रम राष्ट्रहित में बाधा डाले। इसलिए हम अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि रामाग्रह यात्रा और शिलान्यास का अपना कार्यक्रम कुछ समय के लिए स्थगित कर रहे हैं। अवसर के अनुकूल नया मुहूर्त निकाल कर हम इस कार्यक्रम को भविष्य में पूरा करना चाहेंगे।’
उन्होंने कहा कि- ‘रामाग्रह और शिलान्यास कार्यक्रम इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि वर्तमान केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि अधिग्रहित भूमि में से विवादित भूमि उनके मूल मालिकों को वापस की जाए, जिसमें मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ हो सके। उच्चतम न्यायालय ने भी केंद्र सरकार की इस अर्जी को मूल वाद से जोड़ दिया है।’