शिवसेना ने की पीएम मोदी की तारीफ शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना ( Saamana ) में लिखा कि सुब्रह्मण्यम स्वामी ( Subramanian Swamy ) ने इसका श्रेय राजीव गांधी ( Rajiv Gandhi ) और पीवी नरसिंह राव ( P V Narasimha Rao ) को दिया है। सामना ने लिखा कि स्वामी पीएम मोदी ( PM Modi) को इसका श्रेय देने को तैयार नहीं हैं। लेकिन, सच्चाई ये है कि पीएम मोदी के कार्यकाल में ही यह संभव हो पाया। सामना ने लिखा है कि पीएम मोदी के कार्यकाल में ही अदालतीय दांव-पेंच के जरिए यह मामला सुलझा और अब मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य संभव होने जा रहा है। शिवसेना का कहना है कि इस सच्चाई को स्वीकार करना ही होगा। सामना में यह भी लिखा है कि अगर ऐसा नहीं होता तो रिटायर्ड होते ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (EX CJI Ranjan Gogoi ) को राज्यसभा ( Rajya Sabha ) का सदस्य नहीं बनाया गया होता।
‘राम मंदिर पर राजनीति खत्म’ सामना ( Saamana ) ने अपने संपादकीय में लिखा कि आज पीएम मोदी (PM Modi) राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए पहली कुदाल चलाएंगे। इस पल को भूलने वाले रामद्रोही होंगे। साथ ही भूमि पूजन के साथ ही राम मंदिर मुद्दे पर राजनीति भी समाप्त हो गई। सामना ने लिखा आज सार देश जय श्रीराम, जय श्रीराम से गूंज रहा है। भगवान श्रीराम की भी यही इच्छा रही होगी। सामना ने संपादकीय में लिखा कि बाबरी मस्जिद ( Babri Masjid ) गिराने वाले शिवसैनिकों पर हमें गर्व है। पूर्व CJI रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने राम मंदिर को लेकर ऐतिहासिक फैसल सुनाया। लेकिन, विशेष निमंत्रित लोगों की सूची में न तो उनका नाम शामिल हैं और ना ही शिवसेना का। सामना में कहा गया है कि इस समारोह का श्रेय किसी और को नहीं मिले, आखिर यह कैसी जिद है। जब बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा तो उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह ( kalyan singh ) ने अपनी कुर्सी तक की कुर्बानी दे दी। लेकिन, आज वह समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं। लेकिन, निमंत्रितों की सूची में उनका नाम हो, ऐसी उम्मीद की जा रही है। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में काफी चुनिंदा लोगों को निमंत्रण भेजा गया है। लिहाजा, शिवसेना ने सामना के जरिए सरकार पर तंज भी कसा है।