क्या है वायरल वीडियो
दरअसल व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विवटर पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। मेरिटधारी अगेंस्ट इक्यूलिटी नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि मेरिटधारियों ने दलित महिला के हाथ से बना खाना खाने से इनकार कर दिया। ये कैसा एरोगेंस है। खबर लिखे जाने तक वीडियो को 6 हजार से ज्यादा बार रिट्वीट किया गया है। वहीं 4 लाख 25 हजार से ज्यादा लोग इसे देख चुके हैं। वहीं फेसबुक पर ऑवर नेशन_47 नाम से पेज बनाया गया है। 21 मई की शाम 6:30 बजे एक पोस्ट लिखा गया। जिसमें दावा किया जा रहा है कि शीराज अहमद और भुजोली कुर्द ने दलित महिला के हाथ से बना खाना खाने से इनकार कर दिया।
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क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई
पत्रिका फैक्ट चेक टीम ने जब इस वीडियो की पड़ताल शुरू की तो सच्चाई कुछ अलग ही निकली। वीडियो में स्कूल का नाम और जगह दिख रही है। यह वीडियो बिहार के मधबुनी जिले के मधवापुर का है। जब इससे संबंधित कुछ कीवर्डस सर्च किए तो स्थानीय पोर्ट्लस की कुछ रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक मध्य विधालय साहरघाट में 25 प्रवासी मजदूर क्वारंटाइन में हैं। सेंटर पर खाना बनाने वाली महिला ने खाना बनाकर थाली में परोसकर एक बेंच पर रख दिया। लेकिन वहां कुछ मजदूरों ने बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए एक साथ बैठाकर खाना खिलाने को कहा। महिला ने बैठाकर खाना खिलाने से मना कर दिया। जिसपर कुछ मजदूरों ने गुस्साकर खाना को लात मारकर गिरा दिया और महिला पर तेज-तेज चिल्लाने लगा।
तीन मजदूरों के खिलाफ मामला दर्ज
हालांकि तीन प्रवासी मजदूरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पंकज कुमार राय, मनोज राय और अशोक साहू पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दलित महिला के हाथ से बना खाने को लेकर नहीं , बल्कि कुछ मजदूरों को बैठाकर नहीं खिलाया गया उसको लेकर हंगामा शुरू कर दिया गया।