हिंसा रोकने के बाद ही सुनवाई होगी
चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि देश में हालात अभी ज्यादा तनावपूर्ण है, ऐसे में इस तरह की याचिकाएं दाखिल करने से कुछ नहीं होगा। ऐसे में इस वक्त शांति स्थापित बनाना पहली प्राथमिकता है। इस तरह की याचिकाओं से कोई मदद नहीं मिलेगी।
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दरअसल नागरिकता कानून के खिलाफ पुनीत कौर ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके सुनवाई की मांग की थी। याचिका में ‘झूठी अफवाहें’ फैलाने वाले कार्यकर्ता, छात्रों, मीडिया हाउसों के खिलाफ कार्रवाई बड़ी का जिक्र किया गया है। नागरिकता कानून को ‘संवैधानिक’ की मांग की गई है। इस पर सीजेआई ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं से कोई लाभ नहीं हो सकता । जब हिंसा रुकेगी हम संवैधानिकता पर सुनवाई करेंगे।