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मनोज तिवारी ने कानून हाथ में लिया
बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकलपुर गांव में सील तोड़ने के मामले सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को राहत दे दी है। लेकिन कोर्ट ने इस मामले में उनके व्यवहार को गलत बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से सांसद मनोज तिवारी ने कानून अपने हाथ मे लिया, उससे हमे दुख हुआ है। वह एक सांसद हैं, उनसे कानून हाथ में लेने की उम्मीद नहीं थी। उनसे इस मामले में एक जिम्मेदार बर्ताव की उम्मीद की जाती है।
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बीजेपी चाहे तो कर सकती है कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष पर लगे अवमानना के आरोपों पर कार्रवाई करने से मना कर दिया है। कोर्ट का कहाना है कि मॉनिटरिंग कमिटी के ऑर्डर का उल्लंघन नहीं हुआ है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि अब यह मामला बीजेपी के हाथ में है। अगर बीजेपी चाहे तो वह मनोज तिवारी पर कार्रवाई कर सकती है। वहीं, इससे पहले 30 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा था- ‘आप जनप्रतिनिधि हैं, जिम्मेदार नागरिक है। आखिर आपको सील तोड़ने की इजाजत किसने दी? अगर सीलिंग गलत की गई थी तो आपको संबंधित अथॉरिटी के पास जाना चाहिए था।’