बंगले के बाहर राजद नेताओं का हंगामा
उन्होंने कहा कि यह मामला अभी न्यायालय में है, और मुख्यमंत्री नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। तेजस्वी ने कहा, “यह बंगला उस समय भी सुशील कुमार के नाम पर आवंटित नहीं था, जब वह इससे पहले उपमुख्यमंत्री थे। हमने तो यह बंगला सुशील मोदी से लिया ही नहीं।” इससे पहले, जिलाधिकारी से आदेश मिलने के बाद अधिकरियों की एक टीम पुलिस बल के साथ तेजस्वी के पटना में पांच देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास खाली कराने बुधवार सुबह पहुंची थी। इस दौरान आवास के बाहर एक पर्चा चिपकाया हुआ दिखा, जिस पर लिखा है कि बंगला खाली कराने का मामला अदालत में विचाराधीन है। विपक्षी नेता के आप्त सचिव प्रीतम कुमार द्वारा जारी इस पर्चे में कहा गया है कि इस मामले की सुनवाई अदालत में सूचीबद्घ है। इसकी सूचना मिलते ही राजद विधायक और कार्यकर्ता भी यहां पहुंच गए और बंगला के सामने धरने पर बैठ गए। इधर, बंगला खाली कराने पहुंचे अधिकरियों को जब अदालत के कागजात दिखाए गए, तब वे वापस लौट गए।
कोर्ट बंगला खाली करने का दे चुका है आदेश
इधर, पूर्व मंत्री तेजप्रताप का भी तेजस्वी को साथ मिला है। तेजप्रताप ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार बंगला बंगला नहीं खेले। उन्होंने कहा कि सरकार की नजर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर नहीं जाती है, लेकिन लालू परिवार को कैसे परेशान किया जाए, इसी पर ध्यान केंद्रित है। गौरतलब है कि राजद जब सरकार में थी, तब यह बंगला तेजस्वी को आवंटित किया गया था। राजद के सरकार से अलग होने के बाद भवन निर्माण विभाग ने यह बंगला सुशील कुमार मोदी को आवंटित करते हुए तेजस्वी से बंगला खाली करने को कहा था। तेजस्वी ने पटना उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पिछले माह बंगला खाली करने का आदेश दिया था। तेजस्वी ने इसके बाद पटना उच्च न्यायालय के दो सदस्यीय पीठ में अर्जी लगा दी। भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि तेजस्वी यादव जल्द ही बंगला खाली कर देंगे। सरकारी चीजें सिर्फ सरकारी ही होती हैं।”