
Telangana declares mucormycosis a notifiable disease
हैदराबाद। तेलंगाना सरकार ने महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत फंगल संक्रमण म्यूकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस को एक खतरनाक बीमारी घोषित किया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाएं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा जारी म्यूकोर्मिकोसिस की जांच, निदान और प्रबंधन के लिए दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।
सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए म्यूकोर्मिकोसिस (जिसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है) के सभी संदिग्ध और पुष्ट मामलों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को देना अनिवार्य कर दिया गया है। सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को दिशा-निर्देश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और दैनिक आधार पर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
इसलिए उठाया कदम
ब्लैक फंगस के मामलों की बढ़ती संख्या के बीच यह कदम उठाया गया है, जो ज्यादातर कोविड -19 संक्रमित लोगों में देखा जाता है। कई मरीज हैदराबाद के कोटी स्थित सरकारी ईएनटी अस्पताल में पहुंच रहे हैं, जिसे फंगल संक्रमण के इलाज के लिए नामित किया गया है। म्यूकोर्मिकोसिस के इलाज के लिए दवा की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी बिक्री को नियंत्रित किया है।
राज्य मंत्री केटी रामा राव को ट्वीट
राज्य मंत्री केटी रामा राव को ट्विटर पर ब्लैक फंगस संक्रमित व्यक्तियों के रिश्तेदारों से लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन के लिए कई अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। मंत्री ऐसे सभी व्यक्तियों को निर्धारित प्रारूप में चिकित्सा शिक्षा निदेशक को ईमेल भेजने का सुझाव दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक अनुरोध पर गौर करने और संबंधित अस्पतालों से उचित सत्यापन के बाद दवा उपलब्ध कराने के लिए एक समिति का गठन किया है।
ना घबराने की दी सलाह
चिकित्सा शिक्षा निदेशक के. रमेश रेड्डी ने मंगलवार को कहा था कि सरकारी अस्पतालों में लगभग 50 और निजी अस्पतालों में 30-40 के करीब इसके मामले हैं। यह कहते हुए कि यह बीमारी कोविड -19 की तरह संक्रामक नहीं है, उन्होंने लोगों को नहीं घबराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जो लोग कोविड-19 से उबर चुके हैं और उन्हें मधुमेह है, उन्हें अधिक सतर्क रहना चाहिए। चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने कहा कि कोविड-19 के जो मरीज ठीक हो चुके हैं, उन्हें अभी भी कुछ महीनों के लिए घर पर ही मास्क पहनने की जरूरत है। ठीक होने वाले रोगियों, विशेष रूप से कमजोर प्रतिरक्षा वाले रोगियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर कम होगा और इस प्रकार वे फंगल संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
Updated on:
20 May 2021 03:20 pm
Published on:
20 May 2021 03:15 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
