हैदराबाद के दो बड़े बस अड्डो महात्मा गांधी बस स्टेशन(एमजीबीएस) और जुबली बस स्टेशन(जेबीएस) सुनसान रहे। सरकारी स्वामित्व वाली 10,400 बसों में से अधिकतर बसें पूरे राज्य के डिपो में खड़ी दिखीं, क्योंकि 48,000 से ज्यादा कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं। टीएसआरटीएस अधिकारी अस्थायी ड्राइवरों और अन्य कर्मचारियों की मदद से कुछ सेवाओं का संचालन कर रहे हैं। बुधवार को अवकाश होने की वजह से हड़ताल का लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ा, लेकिन पूरे राज्यों के गांवों और पड़ोसी आंध्रप्रदेश से दशहरा के बाद हैदराबाद लौट रहे लोगों को बस सेवा स्थगित होने की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
हैदराबाद और निजामाबाद, करीमनगर व वारंगल जैसे बड़े शहरों के यात्रियों को गुरुवार से और ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जब यहां बठुकम्मा और दशहरा की छुट्टियों के बाद कॉलेज खुलेंगे। सरकार ने 48,000 कर्मचारियों को छह अक्टूबर को हड़ताल खत्म करने की चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा, लेकिन कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म नहीं की और हड़ताल को और आगे बढ़ाने की धमकी दी है।
टीएसआरटीसी की संयुक्त कार्रवाई समिति(जेएसी) के नेताओं ने आगे की कदम के लिए हैदराबाद में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में अन्य कर्मचारी संगठनों और शिक्षक संघ के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।