आतंकवाद और माओवाद से प्रभावित जिले में आई कमी, 161 में से झारखंड के 22 जिले
- दूसरे नंबर पर बिहार के 17 जिले शामिल हैं।
- इन जिलों में आतंकवाद और माओवाद का असर बरकरार।

नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के बावजूद 2019 में देश के 161 पुलिस जिले आतंकवाद और माओवाद से प्रभावित रहे। इनमें से अधिकांश जिले झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में हैं। ब्यूरो ऑफ होम रिसर्च ने यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी है। यह आंकड़ा 2018 के 174 की तुलना में कम है। गृह मंत्रालय 2021 में जिले की संख्या और कम करने की योजना पर कर रही है काम।
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गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के मार्गदर्शन में मंत्रालय के संबंधित विंग ने आतंकवाद प्रभावित जिलों की संख्या को कम करने के लिए सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशकों से संपर्क किया है। दिसंबर 2020 की शुरूआत में अमित शाह ने जोर दिया था कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस होनी चाहिए। सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया था कि भारत को एक विकसित और सुरक्षित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करें।
झारखंड में सबसे ज्यादा प्रभावित जिले
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में 161 पुलिस जिले आतंकवाद या उग्रवाद से प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले झारखंड में 22 हैं। बिहार में 17, असम और मणिपुर में 16, ओडिशा और जम्मू—कश्मीर में 15—15, छत्तीसगढ़ में 14, नागालैंड में 11, तेलंगाना में 8, आंध्र प्रदेश 6, केरल और पश्चिम बंगाल में पांच-पांच, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में तीन-तीन और मध्य प्रदेश में दो शामिल हैं।
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