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कोलकाता

इस देश की जासूसी की घटनाएं हिन्द महासागर में बढ़ी

हाल के कुछ वर्षों से इस देश की हिंद महासागर में जासूसी की घटनाएं बढ़ गई हैं। उक्त देश के नौसैनिक पोतों को हमेशा महासागर में मंडराते देखा जा रहा है। दूसरी तरफ यह पड़ोसी देश भी उनकी हर गतिविधि से वाकिफ है। जी हां हम बात कर रहे हैं इस देश की

कोलकाताDec 05, 2019 / 09:00 pm

Rabindra Rai

इस देश की जासूसी की घटनाएं हिन्द महासागर में बढ़ी

इस देश की जासूसी की घटनाएं हिन्द महासागर में बढ़ी

कोलकाता. हाल के कुछ वर्षों से इस देश की हिंद महासागर में जासूसी की घटनाएं बढ़ गई हैं। उक्त देश के नौसैनिक पोतों को हमेशा महासागर में मंडराते देखा जा रहा है। दूसरी तरफ यह पड़ोसी देश भी उनकी हर गतिविधि से वाकिफ है। जी हां हम बात कर रहे हैं, चीन और भारत की। चीन की इस तरह की गतिविधियों पर भारतीय नौसेना प्रभावी नजर रख रही है। बंगाल क्षेत्र के नौसेना के प्रभारी अधिकारी कोमोडोर सुप्रभो डे ने बताया कि हिंद महासागर में कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं जिससे नौसेना को क्षेत्र में चल रही गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलती है। इसमें बंगाल की खाड़ी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पी-81 समुद्री गश्ती विमान से हम हिंद महासागर में गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं।

भारतीय बेड़े में इजाफा
भारत के पास वर्तमान में पी-81 लंबे रेंज के समुद्री गश्ती विमान हैं और नौसेना ने विमान के निर्माता बोइंग से चार और विमान के लिए ऑर्डर दिया है। भारतीय बेड़े में इजाफा ऐसे समय में किया जा रहा है जब चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रही है। डे ने बताया कि 2021 तक भारत के पास 198 पोत होंगे जिनमें से 131 पोत विभिन्न तरह के हैं। डे ने बताया कि नौसेना इलाके पर नजर रखती है और तस्करी तथा देश विरोधी गतिविधियों की निगरानी के लिए बीएसएफ, तटरक्षक बल और राज्य पुलिस के साथ समन्वय करती है।

सी-हैरियर लड़ाकू विमान देने पर विचार
भारतीय नौसेना न्यू टाउन में बन रहे विमान संग्रहालय के लिए टोपोलोव-142 विमान के बाद सेवा से बाहर हो चुके एक सी-हैरियर लड़ाकू विमान को देने पर भी विचार कर रही है। सुप्रभो डे ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार एक संग्रहालय बना रही है जिसमें ‘अल्बाट्रॉसÓ (विमान) लगाए गए हैं और इसे 2020 के मध्य तक जनता के लिये खोले जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एक टीयू-140 विमान 15 नवंबर को मेसर्स तनेजा एरोस्पेस को सौंपा गया है जिससे इसे कोलकाता में बनने वाले संग्रहालय में लगाया जा सके।

दूसरा संग्रहालय होगा
डे ने कहा कि संग्रहालय स्थल पर राज्य सरकार द्वारा तैयारियां चल रही हैं तथा जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर तुपोलोव -142 विमान संग्रहालय के लिए समतल किया गया है। यह विशाखापट्टनम के बाद देश में इस तरह का दूसरा संग्रहालय होगा। कोमोडोर डे ने कहा कि विमान के अगले साल जनवरी तक शहर में पहुंचने की उम्मीद है।
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