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अध्यादेश लाने की मांग
वहीं, व्यापारिक संगठन ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को एक ज्ञापन भेजकर व्यापारियों को सीलिंग से बचाने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है। वहीं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी पत्र भेजकर इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है। व्यापारियों की मांग है कि सरकार एक ऐम्नेस्टी स्कीम लाए। इस योजना के तहत 31 दिसंबर 2017 तक की यथास्तिथि को बरकरार रखा जाए। साथ ही इस तारीख़ तक जितने भी मामले हैं उन पर एक उचित पेनल्टी लगाकर उनको रेगुलराइस किया जाए।
व्यपारियों को सीलिंग से बचाने का एक मात्र उपाय अध्यादेश
कैट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने मास्टर प्लान में संशोधनों के मामले को फ़रवरी 2019 तक स्थगित कर दिया है। ऐसे में व्यपारियों को सीलिंग से बचाने का एक मात्र उपाय अध्यादेश ही है। वहीं, कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि सीलिंग अभियान को और तेजी से चलाए जाने की संभावना है।
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सीलिंग से भुखमरी के कागार पर व्यापारी
गौरतलब है कि मॉनिटरिंग कमेटी ने हाल ही में दिल्ली में सभी फ़ार्म हाउस और होटल सील करने का आदेश था। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इससे बड़ा सामाजिक संकद पैदा होगा। सीलिंग से पूरी दिल्ली में अव्यवस्था फैल जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अगली सुनवाई फरवरी 2019 तक टाल दी थी। इस वजह से दिल्ली में दुकानों को सील हुए लगभग नौ महीने हो गए हैं और फरवरी आने में अभी कई महीने बाकी है। ऐसे में दुकाने बंद होने से व्यापारी भुखमरी के कागार पर हैं।