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किसानों के ‘गांव बंद’ का आज दूसरा दिन, सप्लाई प्रभावित होने से बढ़े फल-सब्जियों के दाम

किसानों के आंदोलन के दूसरे दिन किसान प्रदर्शन करते हुए नजर आए हैं।

नई दिल्लीJun 02, 2018 / 10:16 am

Saif Ur Rehman

Kisan

किसानों के आंदोलन का आज दूसरा दिन, सप्लाई बंद होने से बढ़े फल-सब्जियों के दाम

नई दिल्ली। किसानों का देशव्यापी आंदोलन जारी है। शनिवार को प्रदर्शन का दूसरा दिन है। पहले दिन की तरह दूसरे दिन भी किसानों के गुस्से का इजहार करती हुईं तस्वीरें सामने आ रही हैं। कई जगह किसान प्रदर्शन करते नजर आए हैं। बता दें कि पहले ही दिन किसानों ने हुंकार भरते हुए किसानों के एकजुट होने की बात कही थी साथ ही इस बात का भी ऐलान किया कि हड़ताल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों से फल, सब्जी, दूध व अन्य सामान शहरों की तरफ नहीं आने देंगे। लोगों को कई जगहों पर दूध और रोजमर्रा की चीजों को लेकर मुश्‍किलों का सामना करना पड़ रहा है। मंडियों में सप्लाई ठप होने से सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। दिल्ली, मुंबई, पंजाब में कई सब्जियों के दाम दोगुने से ज्यादा होने की खबर है। दिल्ली की गाजीपुर मंडी में टमाटर 18 रुपए प्रति किलो बिक रहा है बल्कि शुक्रवार को टमाटर के दाम 7 रुपए प्रति किलो था। बता दें कि किसानों के 10 दिनों के ‘गांव बंद’ के पहले दिन ही महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में किसान अपना विरोध दर्ज करवाने सड़क पर उतर आए। किसान दूध को सड़कों पर बहाते हुए नजर आए।
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क्या हैं किसानों की मांग?

किसानो का आंदोलन सब्जियों के न्यूनतम मूल्य, समर्थन मूल्य और न्यूनतम आय समेत कई मुद्दों को लेकर किया जा रहा है। किसानों की ये भी मांग है कि दूध के दाम पेट्रोल के बराबर हों। वहीं किसान ये भी आरोप लगा रहे है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के बारे में मोदी सरकार बात ही नहीं कर रही है। साल 2006 में जो सिफारिशें स्वामीनाथन आयोग ने दी थी वे 11 सितंबर 2007 को ही कांग्रेस सरकार ने मान ली थी। किसानों का दावा है कि पीएम मोदी ने भी किसानों के सुधार की बात कही, लेकिन उन्होंने भी इसे चुनावी जुमला कहकर छोड़ दिया। किसानों का आरोप है कि किसी को भी उनकी चिंता नहीं है, इसीलिए ये आंदोलन हो रहा है। किसान संगठन के नेताओं का कहना है कि यह हड़ताल फिलहाल 10 जून तक प्रस्तावित है, अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो आने वाले वक्त में यह ज्यादा दिनों तक बढ़ाई जा सकती है। देश के करीब 22 राज्यों के 130 संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है।

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