यह भी पढ़ें – CRPF की वैन ने 3 पत्थरबाजों को कुचला, झुंड बनाकर अचानक कर दिया था जवान पर हमला यह भी पढ़ें – सिंगापुरः पीएम मोदी ने की अमरीकी रक्षा सचिव जेम्स मेटिस से की मुलाकात, आज दौरे का अंतिम दिन क्या हैं किसानों की मांग? किसानो का आंदोलन सब्जियों के न्यूनतम मूल्य, समर्थन मूल्य और न्यूनतम आय समेत कई मुद्दों को लेकर किया जा रहा है। किसानों की ये भी मांग है कि दूध के दाम पेट्रोल के बराबर हों। वहीं किसान ये भी आरोप लगा रहे है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के बारे में मोदी सरकार बात ही नहीं कर रही है। साल 2006 में जो सिफारिशें स्वामीनाथन आयोग ने दी थी वे 11 सितंबर 2007 को ही कांग्रेस सरकार ने मान ली थी। किसानों का दावा है कि पीएम मोदी ने भी किसानों के सुधार की बात कही, लेकिन उन्होंने भी इसे चुनावी जुमला कहकर छोड़ दिया। किसानों का आरोप है कि किसी को भी उनकी चिंता नहीं है, इसीलिए ये आंदोलन हो रहा है। किसान संगठन के नेताओं का कहना है कि यह हड़ताल फिलहाल 10 जून तक प्रस्तावित है, अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो आने वाले वक्त में यह ज्यादा दिनों तक बढ़ाई जा सकती है। देश के करीब 22 राज्यों के 130 संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है।