जब-जब भारत माता पर कोई आंच आई है तब-तब पूरा देश अपने जातिगत भेदभाव को भूलकर एकजुट खड़ा हुआ है। भारत के लगभग हर प्रान्त से कोई न कोई बेटा देश के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दी है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे है जहां का हर बच्चा ये ख्वाब देखता है कि वो बड़ा होकर एक फौजी बनें और अपने देश की सेवा करें और ये सपना देखें भी क्यों न जब उस गांव का लगभग हर घर एक फौजी का हों। जी, हां हम बात कर रहे हैं राजस्थान के राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र की जो कि सेना और शहादतों के लिए जाना जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां के सीकर, चूरू और झुंझुनूं जिले में ऐसे हजारों परिवार हैं जिनका कम से कम कोई एक सदस्य तो अपने देश की रक्षा के लिए सरहद पर तैनात हुआ है एक ऐसा ही एक गांव है जिसका नाम है धनूरी। ये गांव झुंझुनूं जिले में स्थित है। इस गांव में मुस्लिम संप्रदाय के लोग ज्य़ादा रहते हैं और मां की रक्षा के लिए इनके हर परिवार का कोई न कोई बेटा जंग में शहीद हो गया है।
धनूरी गांव के लोगों में देश भक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। अब तक इस गांव से करीब 500 से ज्य़ादा युवक शरहद पर जा चुकें है जिनमें से 17 सैनिक शहीद हो चुके हैं। इस गांव में कई परिवार तो ऐसे भी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी
भारतीय सेना से जुड़े हुए हैं। पत्रिका परिवार की ओर से धनूरी गांववासियों को उनकी देशभक्ति और जंग में देश की रक्षा के लिए शहीद हुए इन जांबाज़ सेनाओं को सलाम।