मानव संसाधन मंत्रलाय के अनुसार कोराना संक्रमण(Coronavirus) की स्थिति को देखते हुए अनलॉक के अगले चरण की तैयारी की जाएगी। जिसकी समीक्षा 15 जुलाई के आसपास होगी। उसके बाद ही स्कूलों, कालेजों और कोचिंग सेंटरों को खोलने का निर्णय हो सकता है। स्कूलों को खोलने का निर्णय केंद्र सरकार की गाइडलाइन और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों पर भी निर्भर करेगा। इसके बाद राज्य सरकारें अपनी स्थिति के आधार पर स्कूलों को खोलने का फैसला कर सकेंगे।
ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) को बेहतर बनाने पर भी राज्यों के साथ मंत्रालय ने चर्चा की। राज्य सरकारों के अनुसार कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ने का कोई माध्यम नहीं है। उनके पास इंटरनेट, मोबाइल या टीवी जैसी सुविधाएं नहीं है। इसलिए ऐसे एरिया में स्कूलों को खोलने पर विचार किया जाना चाहिए।
शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पहली से बारहवीं तक के बच्चों के लिए अलग से एक ऑनलाइन चैनल (Online Channel) शुरू किया जाएगा। एनसीईआरटी इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। बिहार की ओर से स्कूलों के खुलने में देरी को देखते हुए केंद्र सरकार से स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील (Mid Day Meal) का कोटा जारी करने का सुझाव दिया।
काफी समय से स्कूलों के बंद होने से सिलेबस (Syllabus) पिछड़ रहा है। ऐसे में
कुछ राज्यों ने कोर्स को छोटा करने की बात कही। हालांकि ज्यादातर राज्यों ने इसे लेकर असहमति जताई। उनका कहना है कि पहले से कोर्स काफी छोटा है। अगर पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए समय कम है, तो स्पोर्ट्स या दूसरी गतिविधियों को बंद रखना चाहिए।