अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि सीरिया पर हमला करने के लिए तुर्की को अमरीका ने हरी झंडी नहीं दी। बीबीसी की गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक, पोम्पियो ने सीमावर्ती क्षेत्र से अमरीकी सैनिकों को वापस बुलाने के अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का भी बचाव किया। सैनिकों की वापसी के फैसले पर अमरीका तथा दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
तुर्की ने उत्तरी सीरिया में किए हवाई हमले, कुर्द लड़ाकों को बनाया निशाना
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि उनका लक्ष्य सीमा पर आतंकी गलियारे के निर्माण को रोकना है। तुर्की सेना की योजना कुर्दिश लड़ाकों से मुक्त सुरक्षित क्षेत्र बनाने की है, जिसमें सीरियाई शरणार्थियों को रखा जाएगा।
इधर कुर्दिश की अगुआई वाले बलों ने हमलों का जवाब देने का प्रण कर लिया है और वे तुकी जवानों से पहले ही भिड़ गए हैं।
अमरीका ने सीरिया से अपनी सेना बुलाने का लिया फैसला
अमरीका सेना ने कहा है कि उसने आईएस की लगभग 30 पश्चिमी बंधकों को प्रमाणित करने और उनकी हत्या करने वाली शाखा में अपनी भूमिका के लिए कुख्यात दो ब्रिटिश बंधकों को हिरासत में लिया है।
अल शफी एलशेख और एलेक्जांडा कोटे द बीटल्स उपनाम की ब्रिटिश सेल के अंग थे। उन्हें अब उत्तरी सीरिया में कुर्दिश लड़ाकों द्वारा चलाई जा रही जेल से निकाल दिया गया है।
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अमरीकी प्रसारणकर्ता पीबीएस को दिए साक्षात्कार में पोम्पियो ने अमरीकी सेना को अचानक वापस बुलाने के ट्रंप के निर्णय का बचाव किया। उन्होंने कहा कि तुर्की में सुरक्षा संबंधी चिंता है और उसके दक्षिण में आतंकवादी हमले की संभावना है।
उन्होंने कहा कि अमरीका द्वारा तुर्की को हमला करने की अनुमति दिए जाने की खबर बिल्कुल गलत है। अमरीका ने तुर्की को हरी झंडी नहीं दिखाई है।
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