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प्रेस की आजादी पर हमला, पुलिस ने बिना वारंट अखबार के दफ्तर पर मारा छापा

नौ पुलिस अधिकारी कार्यालय में राइफलों के साथ देर रात दाखिल हुए और लोगों से धक्का-मुक्की की।

Dec 16, 2018 / 04:30 pm

Navyavesh Navrahi

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प्रेस की आजादी पर हमला, पुलिस ने बिना वारंट अखबार के दफ्तर पर मारा छापा

निकारगुआ पुलिस ने विपक्ष के एक अखबार के दफ्तर कार्यालयों पर छापा मारा और अंदर घुसकर पत्रकारों से दुर्व्यवहार किया। साथ ही कई मानवाधिकार एवं कार्यकर्ता समूहों के संचालन के परमिट भी रद्द कर दिए। एक मीडिया रिपोर्ट में पीड़ितों के हवाले से कहा गया है कि नौ पुलिस अधिकारी कार्यालय में राइफलों के साथ शुक्रवार देर रात दाखिल हुए और लोगों से धक्का-मुक्की करने लगे। यहां तक कि कुछ लोगों की पिटाई की और पत्रकारों का मजाक उड़ाया।
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पत्रकार कार्लोस फर्नांडो चामोरो ने अपने समाचार पत्रों के कार्यालयों में बिना वारंट के छापेमारी करने की चुनौती दी थी, इसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।
चामोरो के अनुसार- ‘पुलिस के पास कोई वारंट नहीं था…इसलिए यह निजी संपत्ति, प्रेस की स्वतंत्रता और मुक्त उद्यम पर एक सशस्त्र हमला है।‘ छापेमारी के बाद उनका कार्यालय सील कर दिया गया। कामकाज का सामान और दस्तावेज भी सील किए गए हैं।
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इसके बाद चामोरो ने पुलिस मुख्यालय जाकर सामान वापस देने की मांग की और कहा कि समाचार पत्र और टेलीविजन कार्यक्रम पंजीकृत निजी कम्पनियां हैं और उनका उन संगठनों के साथ कुछ लेना देना नहीं है, जिन्हें निशाना बनाया जा रहा है।’ गौर हो, मनागुआ में ‘निकारागुअन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स’ (सीईएनआईडीएच) और चार अन्य एनजीओ के दफ्तरों पर भी कब्जा कर लिया गया और सांसदों ने उनके संचालन के परमिट रद्द कर दिए।

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