रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रस्ताव पास होने के बाद इसे 1 जनवरी 2021 से लागू किया जाएगा। इसके बाद अगर कोई पुरुष सार्वजनिक स्थानों पर शर्टलेस दिखता है या एक महिला/लड़की शॉर्ट स्कर्ट में दिखाई देती हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि इस प्रस्ताव का विरोध भी हो रहा है। इस पर लोगों ने कहा कि महिलाओं के उत्पीड़न के लिए कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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इस प्रस्ताव के विरोध में कहा गया है कि इसका उपयोग सामाजिक रूप से रूढ़िवादी, देश में महिलाओं को नियंत्रित करने और उन पर अत्याचार करने के लिए किया जा रहा है। कंबोडियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स चैरिटी के कार्यकारी निदेशक चक सोप ने कहा कि हाल के महीनों में कंबोडियाई सरकार में कई लोगों ने महिलाओं के कपड़ों को लेकर कई परस्पर विरोधी बयान दिए हैं। साथ ही सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिए उनके कपड़ों को जिम्मेदार ठहराया है।
जुर्माना और जेल की सजा
रिपोर्ट्स में बताया गया कि प्रस्ताव पारित होने के बाद कोई भी लड़की सार्वजनिक स्थानों पर शॉर्ट स्कर्ट नहीं पहन पाएंगी और ऐसा करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। बार—बार नहीं मानने पर, जेल की सजा का भी प्रावधान है। बता दें कि 2020 के प्रारंभ में कंबोडिया में एक महिला को कथित रूप से छोटे कपड़े पहनने के लिए फेसबुक लाइव स्ट्रीम पर सजा सुनाई गई थी। समाज में पोर्नोग्राफी के आरोप में उसे 6 महीने के लिए जेल भेज दिया।