सूत्रों से मिला जानकारी के मुताबिक, फ्रांस और पाकिस्तान के बीच पनडुब्बी के लिए 1993 से 1995 तक प्रधानमंत्री रहे बलादुर के शासन में करार हुआ था।
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बताया जा रहा है कि दोनों के खिलाफ मुकदमा की सुनवाई के दौरान इस बात की जांच की जाएगी कि 1995 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में बलादुर के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान क्या पनडुब्बी सौदे से मिली रिश्वत का उपयोग किया गया था या नहीं?
बलादुर और लियोटार्ड ने आरोप से किया इनकार
पूर्व प्रधानमंत्री बलादुर और पूर्व रक्षामंत्री लियोटार्ड ने अपने उपर लगे आरोपों से इनकार किया है। दोनों ने कहा कि पनडुब्बी करार में किसी तरह का कोई रिश्वत नहीं लिया गया है।
बता दें कि पनडुब्बी सौदे में रिश्वतखोरी का मामला 2002 में तब आया था, जब पाकिस्तान के कराची शहर में हुए एक आत्मघाती हमले की जांच की जा रही थी।
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जांच के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया था कि आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया है, जबकि जांच में यह पता लगाने की कोशिश की गई थी कि क्या हमले का संबंध पाकिस्तान के साथ तीन पनडुब्बियों को लेकर हुए सौदे में रिश्वतखोरी से जुड़ा है नहीं?
मालूम हो कि कराची में हुए इस हमले में पनडुब्बी परियोजना पर काम कर रहे 11 फ्रांसीसी नागरिक भी मारे गए थे।
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