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वकार हसन के कबूलनामे से US खुफ‍िया एजेंसी FBI भी हैरान, पुलवामा हमलों से जुड़ रही है कड़ी

मसूद अजहर बैन मामले में अहम कड़ी साबित हुआ वकार हसन
पाकिस्तानी मूल का अमरीकी नागरिक है वकार हसन
पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे

नई दिल्लीMay 05, 2019 / 08:38 am

Siddharth Priyadarshi

Pakistani-American Waqar Ul-Hassan

वाशिंगटन। पाकिस्‍तानी मूल के अमरीकी नागरिक वकार हसन के कबूलनामे से अमरीका की खुफिया एजेंसी एफबीआइ भी हैरान है। आपको बता दें कि एफबीआइ ( fbi ) टीम ने गिरफ्तार किया है। अमरीकी जांच एजेंसी एफबीआइ ने मंगलवार को उत्तरी कैरोलिना के चार्लोट डगलस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पवकार हसन को बीते मंगलवार को फिर से गिरफ्तार किया था। आईएस और जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों के साथ रहने वाला यह शख्स एक खूंखार आतंकी है। इसने भारत में कई हमलों का हिस्सा रहने की बात स्वीकार की है।

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वकार हसन के चौंकाने वाले खुलासे

फरवरी में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत जैश-ए-मुहम्‍मद के प्रमुख मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के लिए कृत संकल्प हुआ और उसने इस मामले में एड़ी-चोटी का जोर लगाया। आपको बता दें कि एक मई को संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया। अमरीकी मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो वकार हैं के बयान से भारत के दावे को बहुत बल मिला। अब सवाल उठता है कि आखिर वकार हसन ने ऐसा क्‍या कह दिया था जिससे भारत का पक्ष मजबूत हुआ। कहा जा रहा है कि वकार ने अमरीकी खुफिया एजेंसी को ऐसी बाते बताईं जिससे मजबूर होकर चीन ने अपना वीटो वापस ले लिया और भारत के पक्ष में दावा मजबूत होता चला गया।

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2014 से है आतंक का पर्याय

वकार 2014 पहली बार तब चर्चा में आया, जब अमरीकी संघीय जांच एजेंसी (एफबीआइ) ने उससे कई घंटे पूछताछ की। एफबीआई इस बात के के लिए संकल्पित थी कि हसन आतंकवादी संगठनों के संपर्क में है। एफबीआई की पूछताछ में वकार ने स्‍वीकार किया कि वह पाक स्थित कई आतंकी संगठनों के संपर्क में है। उसने यह भी कहा कि वह जैश-ए-मुहम्‍मद और इस्लामिक स्‍टेट जैसे आतंकी संगठनों के लिए बिचौलिए का काम करता था। वकार हसन ने बताया कि वह इन दोनों संगठनों के लिए लोगों की भर्ती में मदद करता था।

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आतंकी संगठन में रहने से लेकर मदद करने तक का सफर

वकार हसन ने बताया कि वर्ष 2013 में उसने जैश-ए-मुहम्‍मद के आतंकियों की आर्थिक मदद की व्‍यवस्‍था के लिए पाकिस्‍तान की यात्रा की। उसने यह भी खुलासा किया था कि पाकिस्‍तान के स्‍थानीय अख़बारों में जैश के लिए भर्तियां निकाली गई। वकार हैं ने अपने कुबूलनामे में खुलकर जैश के आतंकी नेटवर्क के बारे में बात की थी और कहा था कि जैश का प्रभाव केवल कश्मीर ही नहीं बल्कि समूचे पाक में हैं। बुधवार को पूछताछ में उसने इस बात का जिक्र किया था कि आतंकी कई महीनों से पुलवावा जैसे हमलों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।


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