चूंकि पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर एक शख्स की हत्या के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामिक आतंकवाद को एक संकट बताया। इसको लेकर तमाम मुस्लिम देशों में फ्रांस का विरोध किया जाने लगा। हालांकि मैक्रों ने साफ कर दिया कि वे इस तरह के विरोध-प्रदर्शन के आगे नहीं झुकेंगे और इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। अब इस संबंध में वे एक कानून लाने की तैयारी में हैं।
इसको लेकर मैक्रों ने फ्रेंच काउंसिल ऑफ द मुस्लिम फेथ से ‘चार्टर ऑफ रिपब्लिकन वैल्यूज’ को 15 दिन के अंदर स्वीकार करने के लिए कहा है। लेकिन अब इसको लेकर पाकिस्तान ने झूठ फैलाना शुरू कर दिया। पाकिस्तान की इमरान सरकार की मंत्री ने ‘चार्टर ऑफ रिपब्लिकन वैल्यूज’ को लेकर फर्जी न्यूज शेयर की और आग में घी डालने का काम किया।
नियमों का उल्लंघन करने पर 6 महीने तक जेल
आपको बता दें कि फ्रांस सरकार की ओर से जो नया विधेयक लाया गया है, उसमें होम-स्कूलिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने कहा है कि अब हर बच्चे को एक पहचान संख्या ( Identification Number ) दिया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं। यदि कोई पैरेंट्स इस नियम का उल्लंघन करेगा तो उसे 6 महीने जेल की सजा या फिर जुर्माना या दोनों हो सकता है।
इमरान सरकार के मंत्री ने फैलाई फेक न्यूज
बता दें कि पाकिस्तान सरकार के एक मंत्री ने इसको लेकर फेक न्यूज फैला दी। इमरान सरकार के मंत्री शिरीन मजारी ने जो खबर शेयर की उसमें ये कहा गया था कि फ्रांस सरकार की ओर से लाया गया यह नया नियम सिर्फ मुस्लिम परिवारों पर ही लागू हुए हैं।
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शिरीन मजारी ने यह स्टोरी शेयर करते हुए लिखा- ‘मैक्रों मुस्लिमों के साथ वही कर रहे हैं जो नाजियों ने यहूदियों के साथ किया था। मुस्लिम बच्चों को ID नंबर दिए जाएंगे (दूसरे बच्चों को नहीं) जैसे यहूदियों को पहचान के लिए पीला सितारा पहनने के लिए मजबूर किया जाता था।’ हालांकि इस न्यूज के सामने आने के बाद से पाकिस्तान में फ्रांस के दूतावास ने खंडन किया और लिखा- ‘फर्जी न्यूज और झूठा आरोप।’