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आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया
शरीफ ने कहा कि है कि एक एसबीपी (स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान) के प्रतिनिधि ने इस आंकड़े को बढ़ा-चढ़ाकर बताने पर आपत्ति जताई। शरीफ का दावा है कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अपने पहले वर्ष में मूल आंकड़ा 1.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.3 प्रतिशत कर दिया था। इस साल भी उन्होंने झूठ बोला है।
समीक्षा के बाद आएगी कमी
उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों ने इस साल पाकिस्तानियों की वास्तविक आय में गिरावट का अनुमान लगाया है। शरीफ ने कहा, इसलिए, पीटीआई द्वारा रखी गई विकास दर इस वर्ष भी अवास्तविक है, जिसकी समीक्षा होने पर यह कम होगी। उन्होंने आगे कहा कि इस साल 5 फरवरी से हर हफ्ते कीमतों में 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस हफ्ते कीमतों में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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आर्थिक आंकड़ों में हेराफेरी
पीएमएल-एन के अध्यक्ष ने कहा कि मुद्रास्फीति की दर और भोजन की कीमतों में वृद्धि के कारण मध्यम वर्ग के परिवारों को एक बड़ा झटका लगा है, जैसा कि एएनआई ने एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बता है। शरीफ ने यह भी कहा कि पीटीआई ने कम से कम 50 लाख लोगों को बेरोजगार और करीब दो करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी में छोड़ दिया है। उन्होंने एक न्यूज एजेंसी के जरिए कहा कि इमरान खान केवल अपने दोस्तों के लिए देश चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक सफल अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति कम होती है, रोजगार अधिक होता है, सरकार स्कूलों, अस्पतालों और बुनियादी ढांचे की योजना बनाती है। हमारी अर्थव्यवस्था कहां खड़ी है। इसके साथ ही उन्होंने आर्थिक आंकड़ों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है।