इसको लेकर अमरीकी सीनेट ( American Senate ) में एक बिल पास किया गया है। यदि इस बिल को सीनेट से मंजूरी मिल जाती है, तो भारत को एडवांस अमरीकी फाइटर जेट ( Advanced American Fighter Jet ) बहुत जल्द मिल सकेगा। अमरीका 5वीं पीढ़ी के F22 और F35 जैसे एडवांस फाइटर जेट्स भारत को दे सकेगा। मौजूदा समय में ये एडवांस फाइटर जेट्स केवल इजरायल, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों के पास ही हैं।
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बता दें कि अमरीका के सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी ( Republican Party ) और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ( Democratic Party ) के शीर्ष दो सीनेटरों ने भारत के साथ सैन्य संबंध मजबूत करने, पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान देने और सैन्य क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान व विकास में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम ( NDAA ) 2021 संशोधन विधेयक पेश किया है।
इस संशोधन विधेयक में रक्षा मंत्री से अमरीका और भारत के बीच रक्षा और संबंधित औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी अनुसंधान ( Industrial & Technology Research ), विकास के अवसरों तथा कर्मियों के आदान-प्रदान पर एक संक्षिप्त जानकारी प्रदान करने को भी कहा गया है।
बहुत जल्द भारत को मिल सकेगा फाइटर जेट्स
आपको बता दें कि सीनेटर मार्क वार्नर और सीनेटर जॉन कॉर्निन ने सीनेट ( Senator Mark Warner and Senator John Cornyn ) में रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से पूछा है कि अमरीका-भारत निजी क्षेत्र के सहयोग के लिए क्या रक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर इजरायल-यूएस बाईनेशनल इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन मॉडल बन सकता है।
यदि यह विधेयक सीनेट में पास हो जाता है तो संभावना है कि 6 महीने में भारत को पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट्स मिल सकेगा। इस बाबत सीनेटर कॉर्निन ने एक अन्य संशोधन में रक्षा मंत्री को कानून पारित होने के 180 दिनों के भीतर भारत को अमरीका की पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट ( America’s fifth generation fighter jet ) कार्यक्रम पर जानकारी देने को भी कहा है। मालूम हो कि भारत अपनी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का विकास खुद कर रहा है।
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भारत के साथ सैन्य भागीदारी मजबूत करने को लेकर अमरीका ने कई कदम उठाए हैं। इसमें भारत को शीर्ष गुप्त अमरीकी रक्षा प्रौद्योगिकी और उपकरण मुहैया कराने के संबंध में दोनों सीनेटरों ने इजराइल और न्यूजीलैंड की तरह ‘नाटो प्लस देशों’ ( NATO Plus Countries’ ) की सूची में शामिल करने के लिए संयुक्त रूप से एक अन्य संशोधन भी पेश किया है। इस संशोधन के पास होने के बाद भारत भी नाटो प्लस देशों में शामिल हो जाएगा।