मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के संपर्क में हैं गौरतलब है कि नेपाल में कई दिनों से केपी ओली के इस्तीफे मांग की जा रही है। बजट सत्र को स्थगित करने के बाद अब केपी ओली एक अध्यादेश लाकर पार्टी को तोड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ओली अपनी कुर्सी बचाने के लिए मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के संपर्क में हैं। दरअसल, ओली पॉलीटिकल पार्टी एक्ट में बदलाव करने की कोशिश में लगे हैं। इससे उन्हें पार्टी को बांटने में आसानी मिल सकेगी।
Covid-19 से संक्रमित हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री Shah Mehmood Qureshi, कहा- मेरे लिए दुआ करें पीएम इमरान खान ने ओली से संपर्क साधा था नक्शे पर विवाद को लेकर ओली भारत के खिलाफ को दुश्मन की तरह देख रहे हैं। इस बदली हुई परिस्थिति का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने ओली से संपर्क साधा था। दूसरी तरफ नेपाल में मौजूद चीनी राजदूत भी इस कोशिश में लगे हैं कि ओली सत्ता में बने रहें। हाल में ओली द्वारा उठाए कुछ कदमों के पीछे चीनी राजदूत का रोल अहम बताया गया है।
पार्टी के लोग ओली के खिलाफ नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी में अधिकतर लोग इस वक्त ओली सरकार के खिलाफ हैं। पार्टी की स्टेंडिंग कमिटी के 44 में से 30 लोगों ने ओली से इस्तीफा मांग लिया है। अध्यादेश के बाद ओली को अपनी स्थिति मजबूत करने का समय मिलेगा। इस दौरान उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं लाया जा सकेगा। इस दौरान वे जरूरत पड़ने पर वह पार्टी को बांट भी सकेंगे। ओली को सबसे अधिक परेशानी पार्टी के वरिष्ठ नेता पुष्प कमल दहल, बामदेव गौत, झाला नाथ और माधव कुमार नेपाल से है।
पार्टी के टूटने की परिस्थिति में ओली को अपने समर्थन में 138 सांसद को साथ लाना होगा। वहीं अध्यादेश के बाद उन्हें मात्र 30 प्रतिशत सांसद का सहयोग मिलता दिख रहा है। ओली के लिए चीजें तब आसान होंगी जब उन्हें 40 प्रतिशत सांसदों का साथ मिलेगा।