दरअसल, कश्मीर में कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) में प्रस्ताव लाने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान का प्रयास विफल हो गया है।
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जेनेवा में चल रहे 42वें मानवाधिकार सेशन के दौरान पाकिस्तान एक प्रस्ताव लाना चाहता था, लेकिन इसके लिए वह पर्याप्त संख्या में सदस्य देशों का समर्थन हासिन नहीं कर सका। लिहाजा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की एक ओर कूटनीतिक जीत हुई है।
अब तक हर मंच पर पाकिस्तान को मिली है हार
बता दें कि UNHRC में 47 देश हिस्सा ले रहे हैं, इसमें भारत और पाकिस्तान भी शामिल है। भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कश्मीर मुद्दे पर साफ कर दिया कि यह भारत का आंतरिक मामला है।
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे अजय बिसारिया ने पाकिस्तान को की पोल खोल कर रख दी। भारत ने साफ कर दिया कि सीमा पार से भारत में आतंकवाद को फैलाया जा रहा है। इतना ही नहीं इसमें सीमा पार से सरकार का समर्थन भी मिला हुआ है।
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UNHRC में पाकिस्तान ने दावा किया था कि कश्मीर मुद्दे पर 60 से अधिक देश उनके समर्थन में हैं, लेकिन उन्होंने किसी देश का नाम नहीं बताया और न ही कोई सूची जारी की। पाकिस्तान के झूठ का कई बार पर्दाफाश हो चुका है।
इसके अलावा इमरान खान ने दावा किया था कि मुस्लिम देश उनके साथ है, जबकि हकीकत में बड़े मुस्लिम देश जिसमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, अफगानिस्तान आदि शामिल है, सबने एक स्वर में कहा कि कश्मीर का मामला भारत का आंतरिक मामला है।
साथ ही ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन (OIC) से भी पाकिस्तान को किसी तरह से कोई सहयोग नहीं मिल सका।
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