क्राइस्टचर्च हमला: मस्जिद हमले के आरोपी का होगा मानसिक परीक्षण, 50 लोगों की हत्या का मुकदमा शुरू
15 मार्च को क्राइस्टचर्च के दो मस्जिदों पर हुआ था हमला
इसी साल 15 मार्च को ब्रेंटन टैरेंट नाम के एक शख्स ने क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हमला किया था। इस हमले में 51 लोगों की जान चली गई थी।
इतना ही नहीं ब्रेंटन टैरेंट ने इस घटना का सोशल मीडिया फेसबुक पर लाइव स्ट्रीम भी किया था। 44 वर्षीय फिलिप आर्प्स ने बाद में इस वीडियो को शेयर किया था।
पुलिस ने वीडियो शेयर करने के मामले में आर्प्स को गिरफ्तार कर लिया था। आर्प्स पर पुलिस ने आपत्तिजनक सामग्री शेयर करने के दो आरोपों का दोषी पाया।
बता दें कि यह घटना होने के बाद सरकार ने सोशल मीडिया पर इस हमले से जुड़े कंटेट को शेयर करने पर रोक लगा दी थी।
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कोर्ट में फिलिप आर्प्स ने हमले को बताया भयानक
सुनवाई के दौरान फिलिप आर्प्स ने हमले को भयानक बताया। क्राइस्टचर्च डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज स्टीफन ओ’ड्रिस्कॉल ( Stephen O’Driscoll ) ने कहा कि जब वीडियो के बारे में सवाल किया गया, तो आर्प्स ने इसे भयानक बताया और पीड़ितों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई।
न्यायाधीश ने कहा कि आर्प्स ने मुस्लिम समुदाय के बारे में मजबूत और असंयमित विचार रखे और इस प्रभाव में उसने घृणा अपराध किया। न्यायाधीश ने कहा कि आर्प्स ने खुद की तुलना एडॉल्फ हिटलर के तहत नाजी नेता रुडोल्फ हेस ( Nazi leader under Adolf Hitler ) से की थी।
जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि न्यायाधीश ने कहा, ‘आपका अपमान धार्मिक और नस्लीय घृणा के बहाने की गई सामूहिक हत्या को गौरवान्वित और प्रोत्साहित करता है।’ O’Driscoll ने कहा कि आर्प्स ने 30 सहयोगियों को वीडियो भेजा था।
न्यूजीलैंड के कानूनों के तहत आपत्तिजनक सामग्री के वितरण को रोकने के उद्देश्य से आर्प्स को प्रत्येक मामले पर 14 साल तक के कारावास की सजा का सामना करना पड़ा है। अगली सुनवाई इस मामले में 31 जुलाई को होगी।
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