रूस इस नई परमाणु मिसाइल का परीक्षण ( Russia Missile Test ) ऐसे समय में करने जा रहा है, जब अमरीका और यूरोपीय देशों के बीच में तनाव जारी है। रूस का यह नया मिसाइल सिस्टम 10 हजार किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। यह एक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल सिस्टम है। इसका नाम RS-18 सरमत है, हालांकि नाटो देश इस मिसाइल को सटान-2 (Satan 2) के नाम से बुलाते हैं।
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एक साथ 16 परमाणु बमों को ले जाने में सक्षम
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, RS-18 मिसालइल अपने साथ 16 छोटे परमाणु बमों या फिर एक विशान थर्मोन्यूक्लियर बम ले जाने में सक्षम है। यदि सुरक्षाबल चाहे तो थर्मोन्यूक्लियर बम के साथ छोटे बम को भी साथ में दाग सकते हैं।
मंत्रालय के अनुसार, इस मिसाइल का वजन 100 टन है और करीब 10 हजार किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम ( Air Defence System ) को पलक झपकते ही तबाह कर सकती है। साथ ही एक ही समय में इसका एक-एक वॉरहेड अलग-अलग लक्ष्य को तबाह कर सकता है। एसएस-18 दुनिया की सबसे भारी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल है।
2022 तक रूसी सेना में होगी शामिल!
रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( President Vladimir Putin ) को बताया है कि नई हाईपरसोनिक मिलाइल ऑपरेशनल हो गई है। इसके बाद अब पुतिन ने एसएस-18 के परीक्षण का फैसला लिया है। इससे पहले वे कई बार सरमत मिसाइल के परीक्षण को रद्द कर चुके हैं।
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रूस के उपरक्षा मंत्री अलेक्सी क्रिवोरुचको ने सेना के अखबार को बताया कि RS-18 मिसाइल का परीक्षण कभी भी हो सकता है। सरमत मिसाइल के अलग होने का टेस्ट पूरा हो गया है और यह सफल रहा है। निकट भविष्य में अब हम मिसाइल का फ्लाइट टेस्ट करेंगे। सरमत मिसाइल के परीक्षण के लिए रक्षा मंत्रालय साइबेरिया में एक परीक्षण स्थल बनाने जा रहा है।
रूसी अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इस मिसाइल को 2022 तक रूस के स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स में शामिल किया जाएगा। इससे पहले इस मिसाइल को वर्ष 2020 में सेवा में आना था।