बताया जाता है कि इवान परमाणु बम करीब 50 मेगाटन का था। इसका परीक्षण रूसी आर्कटिक (बैरंट) सागर में किया गया था। इस परमाणु बम को रूसी विमान ने आर्कटिक समुद्र में नोवाया जेमल्या के ऊपर बर्फ में गिराया था। यह एटम बम पांच करोड़ टन परंपरागत धमाकों के बराबर ताकत से फटा था। रूस के रोस्तम स्टेट अटॉमिक एनर्जी कॉर्पोरेशन की ओर से इस परमाणु परीक्षण का एक 20 मिनट का वीडियो 20 अगस्त को अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया है।
इस खतरनाक एटम बम विस्फोट का वीडियो घटना स्थल से 100 मील की दूरी पर स्थित एक विमान ने बनाया था। जिसमें मशरूम के आकार का बड़ा-सा गुबार दिखाई दे रहा था। इस धमाके के बाद अमेरिका-रूस ने वर्ष 1963 में एक संधि जे जरिए दोनों देशों ने हवा में परमाणु बम के परीक्षणों पर रोक लगा दी थी।
आंखों की जा सकती थी रौशनी
परमाणु बम धमाका इतना तेज थाा कि इससे निकलने वाली रौशनी से इसका वीडियो बनाने वालों की आंखों की रौशनी तक जा सकती थी। इससे बचने के लिए कैमरों को सैकड़ों मील की दूरी पर लगाया गया था। साथ ही उन्हें लो लाइट पोजिशन में रखा गया, ताकि वीडियो रिकॉर्डिंग करने वाले शख्स की आंखों में सीधी चमक न लगे। शक्तिशाली कैमरों से इस दुलर्भ दृश्य का करीब 40 सेकंड तक आग के गोले का वीडियो बनाया गया था।
अमेरिका को टक्कर देने के लिए हुआ था निर्माण
इवान एटम बम को रूस ने अमेरिका को टक्कर देने के लिए बनाया था। इसका निर्माण शीतयुद्ध के सबसे बुरे दौर में किया गया था। सोवियत संघ ने अमेरिका के थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस को मात देने के लिए इसे महज सात साल में बनाया था। जबकि इससे पहले 1954 में अमेरिका ने अपने सबसे बड़े थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस का मार्शल आईलैंड पर परीक्षण किया था। इसका नाम कास्टल ब्रावो था। यह 15 मेगाटन का था।