दस्तावेजों में अलजबरी ने यह भी बताया है कि प्रिंस सलमान को एमबीएस ( MBS ) के रूप में जाना जाता है। जब वे सऊदी से कनाडा ( Canada ) चले गए थे तब उन्होंने एक साल बाद हिट टीम को उसकी हत्या करने के लिए वहां भेजा था। हालांकि उनकी योजना विफल हो गई थी और वे बच गए।
Saudi Crown Prince पर लगा आरोप, इंटेलिजेंस ऑफिसर की हत्या के लिए भेजा था हत्यारों का दल
अलजबरी ने यह भी कहा है कि प्रिंस सलमान उन्हें सऊदी अरब वापस लाना चाहते थे। लेकिन जब वे इसमें असफल रहे तो उन्हें मारने के इरादेश से ढूंढ रहे थे। अपने दावों को पुख्ता करने के लिए अलजबारी ने व्हाट्सप्प चैट ( Whatsapp Chat ) को भी दस्तावेजों में सम्मिलित किया है। चैट में प्रिंस सलमान ने यह मांग की थी कि अलजबरी तुरंत सऊदी अरब लौट आएं। नहीं लौटने की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने और सभी तरह के हथकंडे अपनाने की धमकी दी थी।
प्रिंस सलमान पर अमरीका की नजर
अलजबरी ने बताया है कि उनके बच्चों को सऊदी अरब छोड़ने से भी राजकुमार सलमान ने रोका था। सऊदी टीम 9 महीने पहले उसे मारने के लिए कनाडा पहुंची थी। अमरीका का राष्ट्रीय सुरक्षा समुदाय क्राउन प्रिंस द्वारा अलजबरी से प्रतिशोध लेने की कोशिशों पर कड़ी नजर रख रहा है।
ऐसा बताया जाता है कि प्रिंस सलमान के चचेरे भाई मोहम्मद बिन नायेफ ( Mohammad Bin Nayef ) उनके मुखर प्रतिद्वंदी हैं। नायेफ और अलजबरी दोनों काफी करीबी हैं। दोनों ने मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में खासकर 9/11 के बाद अल कायदा के खिलाफ अमरीका के खुफिया अधिकारियों बहुत मदद की थी। ऐसे में अब अमरीका का खुफिया विभाग अलजबरी की सुरक्षा को लेकर सजग है। फिलहाल, अलजबरी कनाडा के टोरंटो में निजी सुरक्षाकर्मियों की सेवा में रह रहे हैं। वे तीन साल पहले सऊदी से भागकर कनाडा चले गए थे।
जमाल खशोगी हत्याकांड: सऊदी प्रिंस सलमान का U-Turn, कहा- खशोगी की हत्या का आदेश मैंने नहीं दिया
गौरतलब है कि टाइगर स्क्वाड के सदस्यों ने ही वर्ष 2018 में पत्रकार जमाल खशोगी ( Journalist Jamal Khashoggi ) की तुर्की की राजधानी इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में निर्मम हत्या कर दी थी। जमाल खशोगी की लाश तक बरामद नहीं हो सकी थी। खशोगी की हत्या का आरोप प्रिंस सलमान पर लगा था।