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लाचार पिता बेटी को कंधे पर बिठाकर बेचता था पेन, इस नायाब तरकीब ने बदली किस्मत

अब्दुल नाम का ये शख्स बेरुत की सड़कों पर अपनी बेटी को कंधे पर बिठाकर हर रोज पेन बेचा करता था।

Mar 28, 2018 / 06:01 pm

Arijita Sen

Father
नई दिल्ली। सीरिया के हालात अब किसी से छिपे नहीं। वहां गोले-बारूदों के बीच लोग अपनी जिंदगी काटने को मजबूर हो गए है। कुछ आसपास के देशों में जाकर रोजी-रोटी कमाने की कोशिश कर रहे हैं। एक ऐसा ही पिता अपना सबकुछ खोकर सिर्फ बेटी को लेकर लेबनान के सबसे बड़े शहर बेरुत आ गए। अपना और अपनी बेटी का पेट पालने के लिए हालातों से मजबूर होकर एक पिता ने अपनी बेटी को कंधे पर बिठाकर बेरुत की सड़कों पर पेन बेचने का काम करना शुरू कर दिया। अब्दुल नाम का ये शख्स बेरुत की सड़कों पर,ट्रेफिक सिंग्नल पर घूम-घूमकर हर रोज पेन बेचा करता था।
Abdul
एक दिन किसी शख्स की नजर उस पर पड़ी और उसने अब्दुल की एक तस्वीर ले ली। उस अज्ञात शख्स ने उस फोटो को फेसबुक पर शेयर कर दिया। नार्वे के एक पत्रकार गिसोर सिमोनारसन की नजर इस वायरल हो रहे तस्वीर पर पड़ी।
इस फोटो को देखने के तुरंत बाद गिसर ने ट्विटर पर @buy_pens नाम से एक अकांउट बनाया। इसके ही गिसर ने अब्दुल के फंडिंग के लिए लोगों से अपील की। एक लाचार पिता का अपनी बेटी को कंधे पर लेकर सड़कों पर घूम-घूमकर पेन बेचने की इस तस्वीर को जिसने भी देखा उसी का दिल पसीज गया।
Abdul and his daughter
गिसोर ने पांच हजार डॉलर का लक्ष्य बनाया लेकिन अब्दुल को 1 लाख नब्बे हजार डॉलर का सहयोग मिला जो कि उम्मीद से कई गुना ज्यादा था। आज अब्दुल करोड़ों का मालिक है और अपने जैसे तमाम शरणार्थियों को उसने अपने यहां नौकरी पर रखकर उनकी मदद कर रहा है। शायद इस तस्वीर को लेने वाले उस इंसान ने भी ऐसा नहीं सोचा होगा कि उसके इस एक कार्य से तमाम लोगों की जिंदगी सुधर जाएगी। इस वाक्ये को देखकर पता चलता है कि आज भी नफरत भरी इस दुनिया में लोगों के दिल में दया और परोपकार की भावना मौजुद है।

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