scriptकमजोर नहीं हुआ है अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा से मिल रही है मदद | UN report says AL qaeda is still strong cooperated by Taliban | Patrika News

कमजोर नहीं हुआ है अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा से मिल रही है मदद

Published: Jul 30, 2019 05:14:28 pm

Submitted by:

Shweta Singh

UN की अलकायदा प्रतिबंध समिति के सामने सौंपी गई रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकायदा कमजोर नहीं पड़ा है

Al Qaeda

संयुक्त राष्ट्र। आतंकी संगठन अलकायदा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकायदा कमजोर नहीं पड़ा है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान की ओर से संचालित कई आतंकी गुटों की मदद से वह अपना अस्तित्व बनाए हुए है।

UN की ओर से जारी किए रिपोर्ट में कहा गया कि अलकायदा के सरगना अयमन मुहम्मद अल जवाहिरी की सेहत नासाज होने से संगठन के काम करने के तरीके को लेकर संदेह है।

अलकायदा प्रतिबंध समिति के सामने सौंपी गई रिपोर्ट

UN के विश्लेषणात्मक समर्थन और प्रतिबंध निगरानी टीम ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में खुलासा किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अलकायदा प्रतिबंध समिति के सामने इस महीने 24वीं रिपोर्ट सौंपी गई। इस रिपोर्ट में कहा गया कि, ‘अलकायदा कमजोर नहीं पड़ा है। हालांकि उसके नेता अयमन मुहम्मद रबी अल-जवाहिरी की सेहत, उसके जीवनकाल और उसके बाद संगठन के काम करने के तौर-तरीकों पर संदेह बरकरार है।’

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आपको बता दें कि इस्लामिक स्टेट, अलकायदा और इससे संबंधित व्यक्तियों, समूहों, कार्रवाईयों और कंपनियों के संबंध में प्रतिबंध निगरानी टीम सुरक्षा परिषद के सामने हर 6 महीने में एक स्वतंत्र रिपोर्ट पेश करती है।

अफगानिस्तान अलकायदा का सबसे सुरक्षित स्थान

इस रिपोर्ट नें यह भी दावा किया गया कि अलकायदा अफगानिस्तान को अपने संगठन और नेतृत्व के सबसे सुरक्षित ठिकाना मानता है। यहां अलकायदा को तालिबान का समर्थन मिल रहा है। दोनों संगठन अपने लंबे और मजबूत संबंधों के कारण यह साझेदारी निभा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान की ओर से दिए आश्रय के चलते अलकायदा बदख्शां प्रांत, ताजिकिस्तान के साथ लगने वाले शिगनान इलाका और पकतिका प्रांत के बारमल में अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराना चाहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अलकायदा का लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क के साथ करीबी संबंध बना हुआ है। यही नहीं, अलकायदा के सदस्यों का तालिबान के लिए सैन्य और धार्मिक निर्देशकों के तौर पर काम भी लगातार जारी है।
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