दरअसल, अमरीकी सेना ने अरबों-खरबों रूपए के हथियार, फाइटर प्लेन्स तथा अन्य व्हीकल्स अफगान सेना की सहायता के लिए दिए थे तथा खुद भी उनका उपयोग कर रही थी। अमरीकी सेना द्वारा देश छोड़ने के बाद इन हथियारों का उपयोग तालिबान द्वारा किए जाने की आशंकाएं थी। ऐसे में तालिबान के हाथों मिसयूज होने से रोकने के लिए अमरीकी सेना ने इन हथियारों को डिमिलिट्राइज कर दिया है।
यह भी पढ़ें
UNSC Resolution On Afghanistan : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तालिबान पर प्रस्ताव पारित किया, रूस और चीन ने बनाई दूरी
जनरल केनेथ मैकेंजी ने बताया कि हामिद करजई एयरपोर्ट पर मौजूद 73 विमानों सहित अन्य सैकड़ों वाहनों को पूर्ण रूप से निष्क्रिय कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब इन विमानों को कभी भी नहीं उड़ाया जा सकेगा, न ही भविष्य में इनका कोई उपयोग हो सकेगा। उन्होंने कहा कि देश में 14 अगस्त को बचाव कार्य आरंभ करते समय यूएस ने लगभग छह हजार सैनिकों को काबुल एयरपोर्ट पर तैनात किया था। इसके साथ ही 70 MRAP बख्तरबंद व्हीकल्स तथा 27 ‘हमवीज’ व्हीकल्स भी तैनात किए गए थे, इनमें से प्रत्येक की कीमत लगभग एक मिलियन डॉलर (10 लाख डॉलर) है। अमरीकी सेना द्वारा देश छोड़ते समय इन सभी वाहनों को डिसेबल कर पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया गया है।
यह भी पढ़ें