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अमरीकी संसद में दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन के खिलाफ प्रस्ताव पास

locationनई दिल्लीPublished: Feb 22, 2020 08:26:08 am

Submitted by:

Anil Kumar

दलाई लामा ( 14th Dalai Lama ) तिब्बत के 14वें धार्मिक गुरु हैं
दलाई लामा के उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार तिब्बतियों ( Tibetans ) के पास है न कि चीनी सरकार के पास: अमरीका

dalai lama

14th Dalai Lama (File Photo)

वॉशिंगटन। चीन ( China ) और अमरीका ( America ) में बढ़ते तनाव के बीच एक बार फिर से वाशिंगटन ( Washington ) ने बीजिंग ( Beijing ) को करारा झटका दिया है। अमरीकी प्रतिनिधिसभा ( US House of Representatives ) ने चीन के खिलाफ एक प्रस्ताव पास किया है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव गहराने के आसार बढ़ गए हैं।

दरअसल, तिब्बत के 14वें धार्मिक गुरु दलाई लामा ( 14th Dalai Lama ) के उत्तराधिकारी को लेकर अमरीकी प्रतिनिधि सभा ने एक प्रस्ताव पास किया है। इसमें कहा गया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी चुनने का अधिकारी सिर्फ तिब्बतियों के पास है, न कि चीन के पास।

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अमरीकी प्रतिनिधि सभा ने तिब्बती नीति और समर्थन अधिनियम ( Tibetan Policy and Support Act ) को सर्वसम्मति से पारित किया है।

प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि इसका मकसद तिब्बत के समर्थन वाली नीति को मजबूत करना और हिमालय में बौद्ध क्षेत्र के प्रतिनिधियों को प्रोत्साहित करना और सशक्त बनाना है, जो कई दशकों से चीन के नियंत्रण में रहा है।

हालांकि इससे पहले कई बार चीन की तरफ से यह कहा गया है कि अमरीका धार्मिक आजादी के नाम पर चीन के आतंरिक मामले में दखल दे रहा है। अभी हांगकांग के मामले में भी चीन ने अमरीका को इशारों-इशारों में धमकी दी थी कि उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें।

अमरीका ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का किया उल्लंघन: चीन

आपको बता दें कि इससे पहले अमरीकी प्रतिनिधि सभा ने तिब्बत में मानवाधिकारों और पर्यावरण संरक्षण के लिए वाशिंगटन के समर्थन को मजबूत करने वाले विधेयक को मंजूरी दी थी। विधेयक में कहा गया कि तिब्बत में धार्मिक नेता के चयन का अधिकार चीन सरकार के बजाय तिब्बतियों को होगा।

अमरीकी संसद में पारित तिब्बत नीति और समर्थन अधिनियम 2019 को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि अमरीका ने ऐसा करके अंतर्राष्ट्रीय कानून और रिश्तों के बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन किया है।

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चीन ने कहा कि अमरीका ने सीधे तौर पर चीन के आंतरिक मामलों में दखल दिया है। चीन ने कहा कि अमरीका ने ऐसा करके तिब्बती स्वाधीनता संबंधी ताकतों को गलत संकेत भेजा है।

मालूम हो कि चीन तिब्बत को अपना अभिन्न अंग मानता है, लेकिन तिब्बत खुद को एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र मानते हैं। इसी को लेकर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा तिब्बत को लेकर दलाई लामा और चीन में दशकों से विवाद है। दलाई लामा 60 साल पहले भारत में शरण ली और हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हुए अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

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