क्या है बोको हरम (Boko Haram)
दरअसल, बोको हरम एक चरमपंथी समूह है। इस संगठन का ऑफिशियल नाम जमात एहल अस-सुन्ना लिद-दावा वल-जिहाद है। इस संगठन का हेडक्वार्टर नाइजीरिया के मैदुगुरी शहर में बनाया गया है। कहा जाता है कि इसके समर्थक कुरान की शब्दावली से प्रभावित हैं कि ‘जो भी अल्लाह की कही गई बातों पर अमल नहीं करता है वो पापी है। Boko Haram को और साधारण भाषा में समझे तो इसका मतलब ये है कि इस्लाम में मुसलमानों को पश्चिमी समाज से संबंध रखने वाली किसी भी राजनीतिक या सामाजिक गतिविधि में भाग लेने से वर्जित किया जाना है।
Nigeria: बोको हरम के आतंकियों ने की 110 मजदूरों की निर्मम हत्या, सभी का सरेआम काटा गला
मोहम्मद युसूफ़ ने बनाया था संगठन
इस संगठन को साल 2002 में करिश्माई मुस्लिम धर्मगुरू मोहम्मद युसूफ़ ने बनाया था। उन्होंने एक धार्मिक कॉम्पलेक्स बनाया जिसमें एक मस्जिद और इस्लामी स्कूल भी बनाया गया। जिसके बाद नाइजीरिया के साथ -साथ पड़ोसी देशों के ग़रीब मुस्लिम बच्चों को इसमें दाखिला दिलाया गया। लेकिन बच्चों को शिक्षा देने की बजाय जिहादी बना दिया गया। इस संगठन का केवल एक मकसद था, इस्लामिक देश का गठन।
साल 2009 में Boko Haram ने माइडूगूरी स्थित पुलिस स्टेशनों और सरकारी इमारतों पर कई हमले किए। जिसके बाद हजारों की संख्या में इसके समर्थक मारे गए। जो बचे वे शहर छोड़ कर भाग गए। नाइजीरिया के सुरक्षाबलों ने मोहम्मद युसूफ़ को मार दिया। जिसके बाद Boko Haram खत्म हो गया लेकिन साल 2010 में इस संगठन को फिर से चालू कर दिया गया। इसी साल फिर से माइडूगूरी के जेल में हमला किया गया और अपने समर्थकों को आजाद करवाया। इसके बाद से ये समूह लगातार हमले और नरसंहार करता आया है।
276 बच्चियों को किया था अगवा साल 2014 में इस संगठन ने एक बोर्डिंग स्कूल से 276 बच्चियों को अगवा किया था। इस घटना ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया। लेकिन बच्चियों का पा नहीं चल सका। हालांकि घटना 4 साल बाद 107 लड़कियां लौटा दी गईं, लेकिन अब भी आधी से ज्यादा लड़कियां लापता हैं।