जिस समाज के ज़्यादातर लोग गरीब और दुःखी हों, वह समाज ना तो कभी तरक्की कर सकता है, ना ही खुश रह सकता है।” 18वीं सदी में अर्थशास्त्री ऐडम स्मिथ द्वारा कही गई यह बात आज काफी हद तक सच साबित होती दिख रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि दुनियाभर में बहुत-से लोगों का ऐसा मानना है कि आज उनकी बात की सच्चाई, पहले से ज़्यादा नज़र आती है। अमीर-गरीब के बीच का फर्क अब और भी साफ दिखायी देने लगा है।
आज हम बात कर रहे हैं फिलीपींस के एक मामले की जहाँ एक-तिहाई आबादी रोज़ाना, एक अमरीकी डॉलर से भी कम में गुज़र-बसर करती है। यहाँ बच्चों का सड़कों पर सामान बेचना एक साधारण सी बात है। गरीबी का आलम ऐसा है कि माता-पिता अपने बच्चों को मजबूरन सड़कों पर कुछ पैसे कमा कर लाने के लिए छोड़ देते हैं।
भारत की ऐसी गाय जिसका दूध चार लोग मिलकर दोहते हैं, दिन में देती है 70 लीटर से ज्यादा दूध हाल ही में एक महिला फेसबुक यूजर ‘मेरी जॉय बर्नाल रेयेस’ ने अपने फेसबुक पोस्ट में एक मार्मिक घटना को साझा किया है जब उन्होंने एक बच्चे को बस में अंडे बेचते देखा। बच्चे को अंडे बेचते देखने से भी ज्यादा वो इस बात से हैरान थीं कि उसने अपने पैरों में कुछ नहीं पहना हुआ था। वो नंगे पैर ही सड़कों-बसों में अंडे बेच रहा था। यह देखकर महिला भावुक हो गई। उन्होंने लिखा कि ”मुझे उस बच्चे को देख कर लग रहा था कि कि मैं रो दूंगी क्योंकि उसकी हालत देख कर मैं बहुत भावुक हो गई थी।”
महिला ने बच्चे को देख कर उसे अपने पास बुलाया और उससे बिना सामान ख़रीदे ही कुछ पैसे दिए और साथ ही उन्होंने उसे पहनने के लिए जूते भी दिलाये। महिला इस बच्चे से इतनी खुश थी उन्होंने उसे खाना भी खिलाया।